Rajasthan

This city of Rajasthan beats even Paris in beauty – News18 हिंदी

निशा राठौड़/उदयपुर: वेकेशन की शुरुआत के साथ ही हर कोई घूमने का प्लान बना रहा है ऐसे में अगर आप झीलों के किनारे अपनी छुट्टियां बिताने चाहते हैं तो आप उदयपुर शहर की तरफ रुख कर सकते हैं. यहां की खूबसूरती आपकी छुट्टियां को और भी ज्यादा यादगार बना देगी. यहां पर कई ऐसे पर्यटन स्थल है जो आपको शौर्य, बलिदान और इतिहास के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भी एहसास कराने वाले हैं. आज हम आपको खूबसूरती में पेरिस को भी मात देने वाले उदयपुर शहर के इन्हीं खास लोकेशन के बारे में बताने जा रहे हैं.

सिटी पैलेस जिसे राजमहल के रूप में भी जाना जाता है. पिछोला झील के किनारे पर सफेद संगमर से बना यह महल प्राचीन स्थापत्य कला में रुचि रखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र है. यह महल राजस्थान के विशाल महलों में से एक है. यह महल सुबह 9 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है. जिसकी एंट्री फीस भी लगती है.

लेक पैलेस
लेक पैलेस को ‘जल महल’ के नाम से भी जाना जाता है. यह खूबसूरत भव्य महल पिछोला झील के मध्य में स्थित एक टापू पर बना हुआ है. जिसके चारों ओर झील का जल रहता है. जिसके कारण इसे लेक पैलेस या जल महल के नाम से संबोधित किया जाता है. इस खूबसूरत जल महल का निर्माण महाराणा जगत सिंह द्वितीय ने सन् 1754 में करवाया था. सन् 1950 में इस महल को एक पांच सितारा होटल में परिवर्तित कर दिया गया था. तब से आज तक यह सुंदर महल एक होटल के रूप में स्थित है. इस महल की दीवार पर सुंदर चित्रकारी की गई है.

सहेलियों की बाड़ी
फतेहसागर झील के पास बने इस बाग में सुंदर सुंदर पेड़ पौधे और संगीतमय फव्वारे अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करते है. इस बाग का निर्माण उदयपुर के महाराजा ने अपने परिवार की महिलाओं के मनोरंजन के लिए करवाया था. यह स्थल सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है.

यह भी पढ़ें- पेट में दर्द, सूजन और कब्ज से हैं परेशान? इस फल से छूमंतर हो जाएगी सभी बीमारी, फाइबर की नहीं होने देगा कमी

जग मंदिर
यह मंदिर पिछोला नदी के किनारे बना हुआ है. इसे ‘लेक गार्डन पैलेस’ के नाम से भी जाना जाता है. महाराणा अमर सिंह ने इसे बनवाना शुरू किया था. वहीं निर्माण का अंतिम कार्य 1652 ई. में महाराणा जगत सिंह के शासनकाल के दौरान हुआ. महल में एक विशाल हाथी की पत्थर की मूर्ति और एक आकर्षक छत्री है जो इसकी सुंदरता को बढ़ाती है. 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सिपाहियों ने यहां शरण ली थी.

मानसून पैलेस
इसे सज्जनगढ़ पैलेस के नाम से भी जाना जाता है. यहां आपको प्राकृतिक खूबसूरती नज़र आएगी. यह उदयपुर की सबसे ऊंची इमारत में से एक मानी जाती है. इसके पीछे बनवाने की वजह थी कि मानसून के बादलों को सबसे करीब से देखा जा सकते. यह करीब 132 साल पुराना है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Udaipur news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj