आतिशी के राज में अजब घोटाला, अफसरों ने DDA के साथ ही कर दिया खेला, अब खुलेगी पाप की गठरी – dda delhi development authority land scam sdm sub registrar ex kanungo ex tehsildar Lieutenant Governor VK Saxena approved investigation
नई दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक और महाघोटाले का पता चला है. भ्रष्ट अफसरों ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की करोड़ों रुपये की जमीन को किसी दूसरे के नाम कर दिया. जब इसका भेद खुला तो भ्रष्टाचार के आरोपी अफसरों के खिलाफ अब कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कथित DDA लैंड स्कैम की ABC (एंटी करप्शन ब्यूरो) जांच को अपनी मंजूरी दे दी है. आरोप है कि अफसरों ने बिना किसी पुख्ता छानबीन के DDA की जमीन को एक महिला के नाम कर दिया. इससे DDA के अधिकारी भी भौंचक्के हैं.
DDA की जमीन को किसी अन्य के नाम करने के मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सख्त एक्शन लिया है. एलजी सक्सेना ने तीन आरोपी अफसरों के खिलाफ एबीसी जांच के आदेश दिए हैं. ये सभी अफसर रेवेन्यू डिपार्टमेंट से जुड़े हुए हैं. राजनिवास की ओर से जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है. उपराज्यपाल सक्सेना ने विजिलेंस डिपार्टमेंट से हौज खास के तत्कालीन एसडीएम (दक्षिण जिला) को लेकर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. रिपोर्ट एक सप्ताह में देनी होगी. राजनिवास के अनुसार, DDA की जमीन बेचने के मामले में अधिकारियों ने कथित तौर पर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी कर दिया था.
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इनके खिलाफ जांच के आदेशएलजी वीके सक्सेना ने पूर्व सब-रजिस्ट्रार डीसी साहू, पूर्व कानूनगो रमेश कुमार और पूर्व तहसीलदार अनिल कुमार के खिलाफ ABC जांच को अपनी मंजूरी दी है. ये सभी अफसर हौज खास के रेवेन्यू डिपार्टमेंट से जुड़े हुए थे. अब इन सभी पूर्व अफसरों के खिलाफ जांच होगी. एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच में दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि इससे पहले कथित शराब घोटाला को लेकर दिल्ली का नाम काफी खराब हुआ था. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को जेल जाना पड़ा था. हालांकि, कोर्ट ने सभी को जमानत दे दी है.
करोड़ों रुपये का जमीन घोटालाजानकारी के अनुसार, DDA ने साल 1965 में जमीन खरीदी थी, जिसका खसरा नंबर 351 था. साल 2019 में बेला देवी नाम की महिला ने हौज खास SDM को आवेदन देकर जमीन का डिमार्केशन (सीमाबंदी) कराने का अनुरोध किया था. इसके बाद रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने 44 बीघा 19 बिस्वा जमीन की सीमाबंदी कर दी. इनमें से एक बीघा 5 बिस्वा जमीन को प्राइवेट लैंड के तौर पर चिह्नित कर दिया गया. इसके बाद यह मामला कोर्ट पहुंच गया. अदालत में DDA ने अपनी जमीन पर अवैध निर्माण होने और फिर उसे ढहाने की बात कही. साथ ही यह भी बताया कि अब अथॉरिटी ने इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है. दस्तावेजों में इस जमीन के DDA का होने की बात कही गई है. इसके बावजूद रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बेला देवी के लिए NOC जारी कर दी थी. अब जांच से ही इसका खुलासा होगा.
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FIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 22:16 IST