अनोखी पहल: 12 लोगों का परिवार, मौत के बाद नहीं उठेगी किसी की अर्थी, ना होगा अंतिम संस्कार!

Last Updated:March 29, 2025, 11:30 IST
राजस्थान के बाड़मेर में रहने वाला एक परिवार चर्चा में है. बारह सदस्यों के इस परिवार ने अस्पताल जाकर देहदान कर दिया है. यानी इनकी मौत के बाद इनकी बॉडी का इस्तेमाल मेडिकल स्टडीज के लिए किया जा सकेगा.
एक ही परिवार के बारह सदस्यों ने किया देहदान (इमेज- फाइल फोटो)
ज़माना बदल रहा है. इसी के साथ बदल रही है लोगों की सोच. ऐसी कई प्रथाएं और मान्यताएं बदल रही हैं, जो समाज के पिछड़ेपन की निशानी मानी जाती है. पहले जहां कई परिवार कुप्रथाओं को मानते थे, आज खुले मन से बदलाव को एक्सेप्ट कर रहे हैं. राजस्थान के बाड़मेर से एक ऐसे ही बदलाव की खबर सामने आई है. यहां रहने वाले एक परिवार की तीन पीढ़ियों ने मिलकर देहदान किया. अस्पताल में सभी ने इसे लेकर रजिस्ट्रेशन करवाया.
ये अनोखी पहल देखने को मिली बाड़मेर के एक राजकीय अस्पताल में. यहां एक परिवार के बारह लोग एक साथ पहुंचे. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर बताया कि उन्हें मृत्यु के बाद देहदान करना है. ओस फैसले में दादा भी शामिल थे और पोता भी. इसके अलावा परिवार के कुल बारह लोगों ने भी यही इच्छा जताई. सभी ने मिलकर अस्पताल को देहदान का घोषणा पत्र सौप दिया. जैसे ही ये खबर बाहर निकली, सबने इस फैसले की तारीफ की.
समाज के लिए करना था कुछ ख़ासबाड़मेर के अमी मोहम्मद शाह बस्ती में रहने वाले धोखलोनी और कानाणी परिवार के बारह सदस्यों ने देहदान कर दिया है. उन्होंने अपने शरीर को मरणोपरांत जिला अस्पताल को सौंप दिया. इसमें परिवार की महिलाएं भी शामिल हैं. परिजनों का कहना है कि वो समाज के लिए कुछ करना चाहते थे. मौत के बाद अंतिम संस्कार होने के बाद उनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा. लेकिन अगर उनकी बॉडी मौत के बाद किसी के काम आ जाएगी, तो ये बहुत बड़ी बात होगी.
हर तरह हो रही तारीफपरिवार के इस फैसले की हर तरफ तारीफ हो रही है. इससे पहले भी बाड़मेर में समाज सुधार के लिए कई परिवार सामने आए हैं. इसमें मृत्य के बाद दिए जाने वाले भोज की जगह उन पैसों को समाज के लिए इस्तेमाल किए जाने जैसे पहल शामिल हैं. जिला अस्पताल के अधीक्षक त्रिलोकराम सेजू ने बताया कि राजस्थान में ये अपनी तरह का पहला मामला है. इस परिवार के सबसे बुजुर्ग की उम्र 72 साल है. वहीं सबसे छोटी डोनर की उम्र 28 साल है. इसमें तीन पीढ़ियां शामिल हैं.
First Published :
March 29, 2025, 11:30 IST
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12 लोगों का परिवार, मौत के बाद नहीं उठेगी किसी की अर्थी, ना होगा अंतिम संस्कार