Rajasthan

राजस्थान की इस गौशाला के सदस्यों की अनोखी पहल, होलिका दहन के लिए बनवाए गाय के गोबर से 3 लाख कंडे

Last Updated:March 12, 2025, 12:01 IST

Holika Dahan 2025: राजस्थान के भीलवाड़ा में परम पूज्य माधव गौशाला के सदस्यों के द्वारा एक अनूठी पहल की जा रही है. उन्होंने इको-फ्रेडली होली मनाने के लिए गाय के गोबर से 3 लाख से ज्यादा गोबर के कंडे बनावाए हैं, …और पढ़ेंX
गोबर
गोबर के कंडे बनाती महिला

हाइलाइट्स

भीलवाड़ा गौशाला ने होलिका दहन के लिए 3 लाख गोबर के कंडे बनाएइको-फ्रेंडली होली के लिए पेड़ काटने से बचाव होगागोबर के कंडे जलाने से वातावरण शुद्ध और ऑक्सीजन बढ़ेगी

भीलवाड़ा – होली पर जब होलिका दहन किया जाता है, तो अक्सर देखा जाता है कि होलिका रखते समय ज्यादातर पेड़ से लड़कियां काटकर या फिर पुराने टायर या प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पर्यावरण और प्रकृति को भी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में भीलवाड़ा की एक गौशाला के सदस्यों ने एक अनूठी मुहिम शुरू की है. इस गौशाला में गाय के गोबर से कंडे बनाए जा रहे हैं. जिससे पेड़ को कटने से रोका जा सके और इको- फ्रेंडली होलिका दहन किया जा सके. यहां होली गोबर के कंडो से बनाई जाती है जिसमें किसी भी प्रकार की लकड़ी का उपयोग नहीं होता है. इसको लिए गौशाला द्वारा करीब 3 लाख से ज्यादा गोबर के कंडे बनाए गए है.

गौशाला को भी होगा लाभइस बारे में भीलवाड़ा के नौगांव में स्थित परम पूज्य माधव गौशाला के व्यवस्थापक अजीत सिंह ने बताया, कि भीलवाड़ा शहर में पिछले कुछ समय से होलिका दहन में पेड़ काटकर उनकी लकड़ियों, आग जलाने के लिए पुराने टायर और प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे पर्यावरण को बहुत नुकसान होता था. वे आगे बताते हैं, कि इसको लेकर माधव गौशाला ने एक निर्णय लिया है, जिससे होलिका दहन इको- फ्रेंडली किया जा सके. अब माधव गौशाला द्वारा गोबर के कंडे बनाए जा रहे हैं, जिससे लकड़ी की जगह इन गोबर के कंडों का इस्तेमाल किया जा सके. वे कहते हैं, कि इससे पर्यावरण भी शुद्ध रहेगा और गौशाला को भी लाभ होगा और गाय के गोबर का सही जगह पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.

आगे वे कहते हैं, कि इको फ्रेंडली होलिका दहन के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ती जा रही है और इसको लेकर लोगों के बीच काफी डिमांड है. आगे वे बताते हैं, कि इस बार हमने 3 लाख से अधिक गोबर के कंडे बनाने का लक्ष्य रखा है, और लगभग सभी लोगों ने यह बुकिंग कर ली है. आवश्यकता पड़ने पर हम और भी ज्यादा कंडे बना सकते हैं.

गोबर से बनाते हैं और भी सामानअजीत सिंह का कहना है कि हम गोबर से कंडे ही नहीं बनाते, बल्कि गोबर से गोबर नारियल, बड़बुलिया और हवन टिकिया भी बनाते हैं, जो हवन सामग्री के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. आगे वे कहते हैं, कि गाय के गोबर के कंडों से इको- फ्रेंडली होलिका दहन के कई फायदे हैं. मान्यता है कि गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है और गोबर के कंडे जलाने से वातावरण भी शुद्ध होता है और वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है.


Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

March 12, 2025, 12:01 IST

homerajasthan

भीलवाड़ा में यहां होगा इको फ्रेंडली होलिका दहन, गौशाला के सदस्यों ने की ये पहल

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj