Rajasthan

Unique Sarpachal Yatra of Haryana Sonu Das Maharaj take body in circular motion from Dausa to Haryana

Last Updated:March 07, 2025, 15:53 IST

हमारे समाज के अंदर पूरे भारतवर्ष के अंदर नशा बहुत ज्यादा होने लग गया है, वृक्षों की कटाई होने लग गई है, जीव-जंतुओं से कोई प्रेम नहीं करता है. बच्चों को समाज के संस्कार ने देकर पढ़ाई की कलर की ओर ध्यान दिलाया जा…और पढ़ेंX
सर्पचाल
सर्पचाल यात्रा करते हुए

हाइलाइट्स

सोनूदास महाराज ने 300 किमी की सर्पचाल यात्रा शुरू की.यात्रा का उद्देश्य नशा, वृक्ष कटाई और संस्कृति पर ध्यान आकर्षित करना है.यात्रा दौसा के मेहंदीपुर बालाजी से हरियाणा तक होगी.

दौसा:- जब दिल में कुछ कर डालने की मनसा होती है, तो उसे कोई रोक नहीं सकता है. ऐसा ही मामला दौसा जिले में सामने आया है, जहां हरियाणा के एक व्यक्ति के द्वारा कुछ ऐसा करने की ठानी है, जिसे देखकर हर कोई अपने दांतों तले उंगली चबा दें. मामला यह है कि हरियाणा का सोनूदास महाराज दौसा के मेहंदीपुर बालाजी पहुंचे, जहां से उन्होंने सर्पचाल यात्रा शुरू की है और इस यात्रा की शुरुआत करने के बाद वह शरीर को सड़क पर गोल-गोल घूमते हुए हरियाणा तक पहुंचेंगे.

यात्रा को लेकर क्या है उद्देश्य ?सोनूदास महाराज बताते हैं कि यात्रा करने का यह परिक्रमा प्रतिवर्ष की जाती है और बताते हैं कि हमारे समाज के अंदर पूरे भारतवर्ष के अंदर नशा बहुत ज्यादा होने लग गया है, वृक्षों की कटाई होने लग गई है, जीव-जंतुओं से कोई प्रेम नहीं करता है. बच्चों को समाज के संस्कार ने देकर पढ़ाई की कलर की ओर ध्यान दिलाया जाता है, जबकि भारतीय संस्कृति का पतन होने लग रहा है. यूएसए के देश का कलर भारत वर्ष को अपनी जंजीरों में जकड़ने का काम करने लग गया है.

चौथी सर्पचाल यात्रा मेहंदीपुर बालाजी से शुभारंभ सोनूदास महाराज लोकल 18 को बताते हैं कि उनके जीवन की यह चौथी सर्पचाल यात्रा होगी. इससे पहले वह इस यात्रा से भी लंबी यात्रा कर चुके हैं. पिछले साल 700 से 800 किलोमीटर की सर्पचाल यात्रा कर चुके हैं और अब 300 किलोमीटर की लंबी सर्पचाल यात्रा कर रहे हैं.

इसी यात्रा के माध्यम से लोगों तक संदेशसर्पचाल यात्रा में चल रहे सोनूदास महाराज बताते हैं कि इस यात्रा में करीब 10 से 15 लोग साथ में चल रहे हैं और यात्रा के दौरान बीच में कोई भी लोग मिलते हैं, तो उन्हें भी एक संदेश दिया जाता है कि जीवन का क्या लक्ष्य होना चाहिए और हम किस लक्ष्य की ओर चल रहे हैं. यात्रा कर हम लोगों का जीवन को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. इस यात्रा के दौरान दो से तीन संत भी इस यात्रा में शामिल हैं और वह भी लगातार पैदल-पैदल यात्रा कर रहे हैं. एक संत के हाथ में अखंड ज्योति प्रचलित है. उसे लेकर चलते हैं, तो दूसरे संत अपने चिमटे और अन्य वस्तुएं लेकर आगे बढ़ते हैं और वह नृत्य भी गानों की धुन पर करते चलते हैं.

प्रतिदिन 10 से 15 किलोमीटर की यात्रासर्पचाल यात्रा अनोखी यात्रा है. इसी यात्रा के दौरान सोनूदास महाराज अपने शरीर को गोल-गोल घूमते हुए सड़क पर या रास्ते में चलते हैं. जब यह यात्रा करते हैं, तो सड़क गर्म हो या तेज गर्मी हो या चिलचिलाती धूप हो, किसी की परवाह नहीं करते हैं और वह लगातार अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ते रहते हैं. उनकी यह यात्रा को देखने के लिए लोग भी आते हैं और उनकी यात्रा को देखकर लोग अचंभित रहे जा रहे हैं कि यह 300 किलोमीटर की यात्रा गोल-गोल घूमते हुए ही करेंगे. यात्रा को देखकर लोग अपने दांतों तले उंगली चबा लेते हैं. ऐसा कुछ इस यात्रा के दौरान दिखाई दे रहा है.

सोनूदास महाराज बताते हैं कि राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित घाटा मेहंदीपुर बालाजी से यह सर्पचाल यात्रा शुरू की है और इसका समापन हरियाणा राज्य हरियाणा के बहादुर पटेल नगर श्री संकट मोचन पंचमुखी बालाजी मंदिर में इस यात्रा का समापन किया जाएगा और यात्रा का इस दौरान महत्व बताया जाएगा.


Location :

Dausa,Rajasthan

First Published :

March 07, 2025, 15:53 IST

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सोनूदास महाराज की अनोखी सर्पचाल यात्रा; सड़क पर गोल-गोल घूम कर रहे सफर, क्यों?

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