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बाड़मेर में अनोखी परंपरा… बिना सिखों के गुरुद्वारे में सिंधी समाज मना रहा गुरु नानक जयंती का पर्व, भक्ति और सेवा का संगम

Last Updated:November 05, 2025, 14:27 IST

Barmer News Hindi : पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में गुरु नानक जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भाईचारे की मिसाल है. यहां सिंधी समाज सिख परंपरा को निभाते हुए हर साल शबद-कीर्तन और लंगर का आयोजन करता है. बिना किसी सिख परिवार के मौजूदगी के भी गुरुद्वारे में भक्ति, सेवा और आस्था की गूंज हर ओर सुनाई देती है.

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बाड़मेर : पश्चिम सरहद पर बसे बाड़मेर में गुरु नानक जयंती का उत्सव एक अनोखी परंपरा के साथ मनाया जाता है. यहां गुरुद्वारे में सिख नहीं बल्कि सिंधी समाज के लोग शबद-कीर्तन और सेवा का कार्य करते हैं. बरसों से चली आ रही यह परंपरा न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि भाईचारे की मिसाल भी पेश करती है. यहां के गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन, लंगर और सेवा का पूरा आयोजन सिंधी समुदाय करता है.

दिलचस्प बात यह है कि यहां कोई सिख परिवार नही हैं लेकिन श्रद्धा और निष्ठा से सिंधी समाज ने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई हुई है. गुरुद्वारे में सुबह से ही अरदास, शबद-कीर्तन और ‘सतनाम वाहेगुरु’ के जयकारों से वातावरण गूंज उठता है. सिंधी समाज के बुजुर्गों का कहना है कि यह परंपरा उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है. विभाजन के बाद जब सिंधी समुदाय बाड़मेर में बसा तब से हर वर्ष गुरु नानक जयंती पर सेवा का बीड़ा उठाए हुए है.

बाड़मेर गुरुद्वारे में भक्ति का सैलाबबाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित इस गुरुद्वारे की स्थापना 69 साल पहले सिंधी समुदाय ने की थी. तब बाड़मेर शहर में केवल दो दर्जन सिंधी परिवार रहते थे. आज इन परिवारों की संख्या सैकड़ों में है और सभी इस गुरुद्वारे में मत्था टेकने और सेवा करने आते हैं. प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है जहां भक्ति और सेवा का अनूठा संगम देखने को मिलता है.

गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व की धूमगुरुद्वारे में शबद गायन कर रही मोनिका लालवानी के मुताबिक यहां आकर आत्मिक शांति मिलती है. गुरु नानक देव ने जाति, वर्ग और समुदाय से ऊपर उठकर प्रेम और समानता का संदेश दिया था. उनकी शिक्षाएं हमें आज भी प्रेरित करती हैं. मोनिका बचपन से यहां शबद और कीर्तन करती हैं और सिख धर्म के प्रति गहरी आस्था रखती हैं. वही सचिव दिलीप बादलानी के मुताबिक गुरु नानक देव के 556वे प्रकाश पर्व पर सुबह से ही सेवादार शबद भजन कीर्तन कर रहे हैं.

Rupesh Kumar Jaiswal

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें

Location :

Barmer,Rajasthan

First Published :

November 05, 2025, 14:27 IST

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बाड़मेर में सिख नहीं, सिंधी समुदाय निभा रहा सेवा का फर्ज़, बरसों से गूंजता है शबद-कीर्तन

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