Unique tradition of this village women beat newly fathered men know reason

Last Updated:March 26, 2025, 12:43 IST
पाली के काणा गांव में सांपा गेर परंपरा के तहत नए पिता बने पुरुषों की महिलाएं गीली लकड़ी से पिटाई करती हैं. इस बार इस परंपरा में 125 नारियल बांधे गए थे. आइए जानते हैं कि क्या है ये अनोखी परंपरा.X
महिलाओं द्वारा की जा रही पुरुषों की पिटाई
हाइलाइट्स
पाली के काणा गांव में सांपा गेर परंपरा निभाई जाती है.नई पिता बने पुरुषों की महिलाएं गीली लकड़ी से पिटाई करती हैं.125 नारियल बांधकर इस परंपरा का आयोजन किया गया.
पाली:- राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहां अलग-अलग तरह की परपंराएं, यहां का कल्चर और यहां के इतिहास से हर कोई रूबरू होना चाहता है. कई परपंराए तो ऐसी भी होती हैं, जो आपको हैरान भी कर देती है. आज हम आपको ऐसी ही एक परपंरा के बारे में बताएंगे, जिसका नाम है सांपा गेर. इस सांपा गेर के तहत गांव की महिलाएं हाथों में गिली लकड़ी लेती हैं और पुरूषों की पिटाई कर देती हैं. मगर इसमें सभी पुरूषों की पिटाई नहीं होती है.
इसमें खास तौर पर वह पुरूष होते हैं, जो नए पिता बने होते हैं. होली के कई दिनों के बाद इस परपंरा को निभाया जाता है और इस बार भी इस परपंरा को निभाया गया. सांपा गेर को देखने के लिए लोग घरों की छतों पर भी जमा दिखे. इस गेर में पिछली होली के बाद से अभी तक जो भी पिता बनते हैं, उनकी पिटाई करने की परपंरा है.
सालों से निभाई जा रही यह खास परपंरागांव की मंजू देवी ने की मानें, तो हमारे गांव में सालों से गेर की परंपरा चली आ रही है. होलिका दहन के कई दिनों बाद इस परपंरा को निभाया जाता है. इस गेर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. गेर में पिछली होली के बाद से अभी तक जो पिता बनते हैं, उनको पीटा जाता है. होली के दूसरे दिन ऐसे घरों से जहां पिछले एक साल में बच्चा पैदा हुआ है, वहां से एक-एक नारियल इकट्ठा किया जाता है.
ये सभी नारियल गांव के चौक की एक दीवार पर रस्सी से बांध दिए जाते हैं. इस बार इसकी संख्या 125 है. होलिका दहन के कई दिनों बाद ही महिलाएं आंकड़े की गीली लकड़ी को तोड़कर घरों में छिपाकर रख देती हैं.
यह अनोखी गेर बन गई इस गांव की पहचानशाम चार बजे गांव के लोग भगवान शिवजी के मंदिर के बाहर खड़े हो जाते हैं. यहां पर वह ढोल की ताल पर जमकर गेर नृत्य करते हुए गांव के चौक पर पहुंचते है. जहां गांव की महिलाएं पहले से ही मौजूद रहती हैं. यहां नारियल बंधे होते हैं. महिलाएं उसके दोनों तरफ खड़ी रहकर गलियारा बनाती हैं. ये गलियारा करीब 50 फीट का होता है.
इस गलियारे से बच्चों के पिता को गुजरना पड़ता है. जिनकी महिलाएं आंकड़े की गीली लकड़ी से पिटाई करती हैं. ये आंकडें की लकड़ी महिलाएं कार्यक्रम वाले दिन ही दोपहर को तोड़कर लाती हैं और घरों में छिपाकर रख देती हैं. ये युवक गलियारे से गुजरकर नारियल की तरफ आते हैं और एक नारियल हाथ में लेकर वापस गलियारे से बाहर निकलते हैं. यह अनोखी गेर परंपरा अब काणा गांव की पहचान बन गई है.
First Published :
March 26, 2025, 12:43 IST
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इस गांव की अनोखी परपंरा! नए पिता बने युवकों को लकड़ी से महिलाएं करती हैं पिटाई