United Parents Association Said: The State Government Should Get The O – संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा: सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करवाए राज्य सरकार

संयुक्त अभिभावक संघ और अभिभावकों ने की परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मुलाकात
दिया 7 सूत्रीय ज्ञापन

जयपुर, 15 जुलाई
संयुक्त अभिभावक संघ ने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक रफीक खान से मुलाकात कर मांग की है कि फीस वसूली को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करवाए। मांगें नहीं माने जाने पर अभिभावकों ने सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दी। संघ के प्रदेश महामंत्री संजय गोयल बताया कि गुरुवार को सेंट एन्सलम निवारू रोड और मानसरोवर, मयूरा स्कूल, एमपीएस, सेंट जेवियर्स सहित अन्य स्कूलों के अभिभावक जुटे और निजी स्कूलों द्वारा बरती जा रही हठधर्मिता की तथ्यों के साथ जानकारी दी खाचरियावास और रफीक खान को देते हुए उन्हें सात सूत्रीय मांगों को ज्ञापन दिया साथ ही कहा कि मांगें नहीं माने पर अभिभावकों को मजबूर होकर सड़क पर उतरकर राज्य सरकार और सरकार के प्रतिनिधियों के खिलाफ खड़ा होना होगा। संघ के जयपुर जिलाध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि निजी स्कूलों के बर्ताव अब सिर से ऊपर आ चुका है कानून के खिलाफ जाकर स्कूलों में फीस बिल्कुल भी जमा नहीं करवाई जाएगी। हमारी राज्य सरकार से मांग है जो अधिकार अभिभावकों को कानून के तहत मिले हैं उनकी पालना सुनिश्चित होनी चाहिए।
यह है संयुक्त अभिभावक संघ की मुख्य मांगें
: 03 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश की पालना सुनिश्चित करवाई जाए।
: फीस एक्ट 2016 की पालना सुनिश्चित करवाई जाए व वर्ष 2021-22 की फीस भी स्कूल फीस एक्ट 2016 की अनुपालना के अनुसार दिलवाने के आदेश सरकार द्वारा प्रसारित किए जाएं।
: निजी स्कूलों द्वारा जिन छात्र.छात्राओं की पढ़ाई और रिजल्ट रोके गए है उन्हें उनके रिजल्ट दिए जाएं
: जो अभिभावक किसी कारण फीस जमा नहीं करवा पा रहे है उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार उन्हें समय उपलब्ध करवाया जाए।
: जो अभिभावक फीस के चलते स्कूलों से टीसी प्राप्त करना चाहता है उन्हें टीसी तत्काल उपलब्ध करवाई जाए जिससे बच्चे के भविष्य को बचाया जा सके।
: स्कूल फीस एक्ट 2016 को जीएसआर नोटिफिकेशन संख्या 114 के तहत 14-02-2017 को राज्य सरकार ने लागू किया था। प्रदेश में जिन निजी विद्यालयों में इस एक्ट को लागू होने के बाद भी स्कूल फीस एक्ट 2016 की पालना न करते हुए भी फीस बढ़ाई गई है उसे गैर कानूनी घोषित कर सत्र 2016-17 की फीस को ही एक्ट की पालना करने तक मान्य करवाई जावे व एक्ट की पालना करने तक सत्र 2016-17 की फीस की वसूली के आदेश राज्य सरकार से प्रसारित करवाए जाएं।
: इन सभी मांगों के लिए सरकार विशेष समिति बना कर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अक्षरश: पालना करना सुनिश्चित करे।