UPSC IAS DM Story: B.Sc की डिग्री, फिर यूपीएससी क्रैक करके बने IAS, आखिर अब क्यों हैं सुर्खियों में

UPSC IAS DM Story: डीएम एंड कलेक्टर बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को पास करना होता है. इसके साथ ही इस परीक्षा में अच्छी रैंक लानी होती है. तब जाकर IAS ऑफिसर बनते हैं. इसके बाद अपने कामों के आधार पर प्रमोशन पाकर डीएम एंड कलेक्टर बनते हैं. लेकिन कई बार स्टेट पब्लिक कमीशन के जरिए भी सर्विस के काफी समय बाद IAS में प्रमोशन होकर डीएम बन जाते हैं. इसके बाद आईएएस ऑफिसर अपने कामों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. ऐसे ही यूपी कैडर के एक IAS ऑफिसर अपने अनोखा निरीक्षण को लेकर सुर्खियों में बने हैं. इनका नाम अरविंद चौहान (Arvind Chauhan) है.
IAS ऑफिसर अरविंद चौहान यूपी कैडर के 2015 बैच के ऑफिसर हैं. वह फिलहाल यूपी के शामली जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट एंड कलेक्टर हैं. वह अपनी अलग कार्यशैली से सबको चौंका दिया. सदर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में प्राइवेट संस्थानों को अल्ट्रासाउंड के लिए भेजे जाने की लगातार शिकायतें मिलने के बाद डीएम ने स्वयं मामले की पड़ताल करने का निर्णय लिया. इसके बाद बिना किसी को सूचित किए साधारण व्यक्ति की तरह बाइक पर सवार होकर और चेहरे पर मास्क लगाकर कलेक्ट्रेट से सीधे सदर सीएचसी पहुंच गए.
डीएम ने मरीज बनकर कराया रजिस्ट्रेशनसीएचसी पहुंचने पर सबसे पहले उन्होंने पंजीकरण काउंटर पर मरीज की तरह लाइन में खड़े होकर अपनी एंट्री दर्ज करवाई. इसके बाद शिकायत के अनुसार वह सीधे कमरे नंबर दो में पहुंचे, जहां दो महिला डॉक्टर उपस्थित थीं. डीएम ने डॉक्टरों से बात करते हुए बताया कि उनकी एक महिला मरीज को पेट दर्द की शिकायत है और उसके इलाज के लिए राय चाहिए. इस बातचीत के दौरान उन्होंने बाहरी संस्थानों में अल्ट्रासाउंड करवाने से जुड़ी शिकायतों की पुष्टि करने के लिए तीन मरीजों की पर्चियां भी चुपके से जांची. यह देखते ही उनका गुस्सा फूट पड़ा, और उन्होंने तुरंत अपना परिचय देते हुए महिला डॉक्टरों को फटकार लगाई.
B.Sc की हासिल की डिग्रीIAS ऑफिसर अरविंद चौहान यूपी के बालिया जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने B.Sc की डिग्री हासिल की हैं. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा को पास करके IAS बन गए. इसके बाद उन्हें यूपी कैडर अलॉट किया गया. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग आजमगढ़ में बतौर असिस्टेंट मजिस्ट्रेट/असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर हुई. इसके बाद मिर्जापुर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर रहे. वह बाद में बहराइच के चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर यानी CDO बने. IAS अरविंद चौहान सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट, लखनऊ में स्पेशल सेक्रेटरी के पद पर भी रहे.
मरीज की गाड़ी में बैठकर अस्पताल से निकल गएइसके बाद अरविंद की पोस्टिंग उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में सेक्रेटरी के पद पर हुई. बाद में प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन और प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी मेला अधिकारी भी रहे. इसके अलावा डीएम ने निरीक्षण के बाद एक मरीज की गाड़ी में बैठकर सीएचसी से चले गए. उनकी इस अनोखी कार्यशैली ने न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग में हलचल मचाई, बल्कि जनता के बीच भी उनकी तारीफ हो रही है. शामली की जनता ने डीएम के इस कदम को ईमानदारी और जिम्मेदारी की मिसाल बताया है.
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Tags: District Magistrate, IAS Officer, UPSC
FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 15:56 IST