Demand for pink and red stone of Banshipaharpur | pink and red stone: बंशीपहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग
बंशीपहाड़पुर में खनन (mining) शुरु करने के लिए 12 मंशापत्र धारकों को स्टेट लेवल एंवायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट आथोरिटी द्वारा आज एंवायरमेंट क्लीयरेंस ( Environment Clearance ) जारी कर दी गई है।
जयपुर
Published: May 26, 2022 12:14:27 pm
बंशीपहाड़पुर में खनन शुरु करने के लिए 12 मंशापत्र धारकों को स्टेट लेवल एंवायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट आथोरिटी द्वारा आज एंवायरमेंट क्लीयरेंस जारी कर दी गई है। 12 खनन पट्टाधारियों द्वारा इस माह के अंत तक खनन कार्य आरंभ किया जा सकेगा, वहीं शेष मंशाधारकों को इस माह के अंत और अगले माह के पहले पखवाड़े तक एंवायरमेंट क्लीयरेंस मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासों से बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र ब्लॉक ए व बी सुखासिला एवं कोट क्षेत्र को बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया गया और उसके बाद केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशीपहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कराई गई। भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही राज्य के माइंस विभाग ने बंशीपहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनके ऑक्शन की तैयारी आरंभ की।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने देश भर में बंशीपहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग को देखते हुए यहां हो रहे अवैध खनन को रोककर वैध खनन की अनुमति के लिए सभी संभावित प्रयास करने के निर्देश दिए थे और उसी का परिणाम है कि इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करने और वन भूमि के डायवर्जन की अनुमति के बाद विभाग द्वारा 41 प्लॉटों की ई-नीलामी की कार्यवाही आरंभ की गई। बंशीपहाडपुर के पत्थर की राम मंदिर निर्माण में भी मांग को देखते हुए यह इस क्षेत्र में वैध माइंनिग शुरु करवाना राज्य सरकार के लिए संवेदनशील रहा है। राज्य सरकार ने बंशीपहाड़पुर में 41 प्लॉट तैयार कर भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से ई—नीलामी की गई। इसके बाद पहले कलस्टर क्लीयरेंस प्राप्त की गई। अब 41 मंशाधारकों में से 12 मंशाधारकों को आज एसईआईएए द्वारा पर्यावरणीय क्लीयरेंस जारी कर दी गई है। इस माह के अंत और जून के पहले पखवाड़े तक बाकी बचे मंशाधारकों को भी एंवायरमेंट क्लीयरेंस मिल जाने की संभावना है। इसके साथ ही इन 12 खानों में खनन कार्य दस से पन्द्रह दिन में शुरु हो सकेगी, वहीं बकाया मंशाधारकों को भी क्लीयरेंस मिलते ही खनन कार्य आरंभ हो सकेगा। इससे जहां राम मंदिर सहित अन्य स्थानों के लिए वैध तरीके से पत्थर मिल सकेगा वहीं क्षेत्र के हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा।

pink and red stone: बंशीपहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग
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