Vasundhara Raje on Maharana Pratap Akbar Controversy | Vasundhara Raje : अब पूर्व सीएम ने तोड़ी ‘चुप्पी’! Maharana Pratap और Akbar विवाद पर कह दी ये बड़ी बात

– महाराणा प्रताप और अकबर को लेकर सियासी बयानबाज़ी, अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की आई ट्वीट प्रतिक्रिया, कहा, ‘प्रताप-अकबर युद्ध सत्ता के लिए नहीं, राष्ट्र सुरक्षा का था संघर्ष’, ‘पराक्रमी योद्धा का किया अपमान, सार्वजनिक मांफी मांगे कांग्रेस’
जयपुर
Published: February 18, 2022 11:58:25 am
जयपुर।
प्रदेश कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच महाराणा प्रताप और अकबर को लेकर जारी सियासी बयानबाज़ी के बीच अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज एक ट्वीट प्रतिक्रिया जारी करते हुए कांग्रेस नेताओं को निशाने पर लिया है। उन्होंने महान योद्धा महाराणा प्रताप का अपमान किए जाने के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार बताया है और सार्वजनिक माफ़ी की मांग की है।

राजे ने कहा, महाराणा प्रताप व अकबर के संघर्ष को सिर्फ़ सत्ता की लड़ाई बताकर कांग्रेस ने मेवाड़ के स्वाभिमानी इतिहास को ललकारा है। महाराणा प्रताप ने आजीवन मातृभूमि की रक्षा का संकल्प जारी रखा। उन्होंने कहा अकबर के साथ महाराणा प्रताप का युद्ध सत्ता संघर्ष नहीं, बल्कि राष्ट्र सुरक्षा का संघर्ष था। उन्होंने मेवाड़ के स्वाभिमान की खातिर जंगलों में घास की रोटियां तक खाई, ऐसे पराक्रमी योद्धा के अपमान पर कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से जनता से माफी मांगनी चाहिए।
महाराणा प्रताप व अकबर के संघर्ष को सिर्फ़ सत्ता की लड़ाई बताकर कांग्रेस ने मेवाड़ के स्वाभिमानी इतिहास को ललकारा है। महाराणा प्रताप ने आजीवन मातृभूमि की रक्षा का संकल्प जारी रखा। (1/2)#Rajasthan #MaharanaPratap
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) February 18, 2022
अकबर के साथ #MaharanaPratap का युद्ध सत्ता संघर्ष नहीं, बल्कि राष्ट्र सुरक्षा का संघर्ष था। उन्होंने मेवाड़ के स्वाभिमान की खातिर जंगलों में घास की रोटियां तक खाई, ऐसे पराक्रमी योद्धा के अपमान पर कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से जनता से माफी मांगनी चाहिए। (2/2)#Rajasthan— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) February 18, 2022
डोटासरा का बयान कुंठित मानसिकता का परिचायक: देवनानी
भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने गोविंद डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की लड़ाई मातृभूमि के गौरव एव स्वाभिमान की लड़ाई थी। डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप के संघर्ष पर ऐसा बयान मातृभूमि के गौरव की रक्षा के लिए अपना जीवन का बलिदान कर देने वाले शौर्य व पराक्रम के प्रतीक वीर का अपमान हैं । महात्मा गांधी ने लंदन में गोलमेज सम्मेलन में प्रताप के शौर्य की प्रशंसा की। यहां तक की वियतनाम ने भी अमेरिका आंदोलन के दौरान हल्दीघाटी युद्ध से प्रेरणा लेने की बात कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के गठन के बाद लगातार महापुरूषों के वीरतापूर्ण गौरवशाली इतिहास को कमजोर करने की साजिश चल रही है। मातृभूमि के गौरव एव स्वाधीनता के लिये सम्पूर्ण जीवन युद्ध करके और अनेको कठिनाइयों का सामना करके भी महाराणा प्रताप ने मेवाड़ राज्य के स्वाभिमान को गिरने नहीं दिया । ऐसे महावीर एव बलिदानी के स्वाधीनता के संघर्ष को सत्ता के संघर्ष कहना कुंठित मानसिकता का परिचायक हैं।
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