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Vat Savitri Vrat 2025 This fast is observed only by married women

Last Updated:May 16, 2025, 20:10 IST

अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग परंपराओं के हिसाब से वट सावित्री का व्रत किया जाता है. इस व्रत से पति की आयु बढ़ती है और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. इसके अलावा वट सावित्री व्रत करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शां…और पढ़ेंX
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वट सावित्री का व्रत इस बार 26 मई को आएगा

हाइलाइट्स

वट सावित्री व्रत 26 मई को मनाया जाएगा.विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं.व्रत से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.

जयपुर:- हिंदू धर्म के सबसे पवित्र व्रत में से एक वट सावित्री का व्रत इस बार 26 मई को आएगा. यह विवाहित महिलाओं द्वारा पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. पंडित दीपक शर्मा ने Local 18 को बताया कि यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है.

इस दिन महिलाएं वट (बरगद) वृक्ष की पूजा करती हैं और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं, जो पतिव्रता सावित्री के अपने मृत पति को यमराज से वापस लाने की कहानी होती है. इस दौरान महिलाएं संपूर्ण विधि-विधान के साथ बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर यह व्रत करती है.

वट सावित्री व्रत के फायदेपंडित दीपक शर्मा ने बताया कि केवल विवाहित महिलाओं द्वारा ही किया जाता है. अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग परंपराओं के हिसाब से यह व्रत किया जाता है. इस व्रत से पति की आयु बढ़ती है और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. इसके अलावा वट सावित्री व्रत करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. पंडित दीपक शर्मा ने बताया कि संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है.

वट सावित्री व्रत की विधि पंडित दीपक शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि इस व्रत वाले दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. वट वृक्ष के नीचे सावित्री-सत्यवान की कथा सुनते हुए पूजा करें. वृक्ष को जल, फूल, मौली, धूप-दीप और मिठाई अर्पित करें. इसके बाद वट वृक्ष के चारों और धागा लपेटकर परिक्रमा करें और मनोकामना मांगे. इसके अलावा गरीबों को भोजन, वस्त्र या दक्षिणा दान करें.

पंडित जी ने बताया कि इस व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान भी रखना होता है. वट सावित्री व्रत के दिन क्रोध या नकारात्मक बातें न करें. पूजा में अधूरी तैयारी या जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं है. इसके अलावा वट वृक्ष की पूजा बिना साफ-सफाई के न करें और व्रत तोड़कर अन्न ग्रहण न करें, केवल फलाहार लें.

Location :

Jaipur,Rajasthan

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सिर्फ विवाहित महिलाएं ही करती हैं यह व्रत, फिर सुनती हैं अनोखी कहानी

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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