Rajasthan

Vegetable Farming: ऐसे करेंगे आलू की खेती तो हो जाएंगे मालामाल, ढ़ाई महीने में ही मिलेगी दोगुणा उपज

सीकर. किसान आजकल आलू की खेती में नवाचार कर रहे हैं. कई तरह के पेस्टिसाइड का उपयोग करने से सब्जियों के जरिए हमारे शरीर में केमिकल भी जा रहा है. ऐसे में सीकर के कई किसान ने सिर्फ गोबर की खाद का इस्तेमाल करते हुए आलू की खेती की है. इस तरीके से उगाए गए आलू खाने में भी स्वादिष्ट होते हैं. उन्होंने बताया आलू की फसल दो से ढ़ाई महीने में तैयार हो जाती है. अन्य किसान भी उनसे प्रेरित होकर ऑर्गेनिक खेती करने लगे हैं.

गहरी जुताई करवाएंउन्नत किसान महेश सिंह ने बताया कि आलू लगाने से पहले खेत की तीन से चार बार गहरी जुताई करवाई. जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए. मिट्टी महीन होने से आलू की मेढ़े गहरी और ऊंची बन जाती हैं. इन मेंड़ों पर ही आलू लगाए जाते हैं. इसके अलावा किसान ने बताया कि एक बीघा में लगभग 30 से 35 क्विंटल तक उत्पादन हो जाता है.

50 से 60 हजार रुपए का शुद्ध लाभबीज के लिए 4500 रुपए के ढाई क्विंटल आलू खरीदे. मिट्टी चढ़ाने के दौरान मजदूरों को 1500 रुपए भुगतान किया. ऐसे में 20 रुपए किलो के हिसाब से बिक्री हो जाने पर खर्चा निकालने के बाद लगभग 50 से 60 हजार रुपए का शुद्ध लाभ हो जाता है.

सिंचाई प्रबंधन के उपायआलू की खेती में तीन सिंचाई की जाती है. पहली सिंचाई आलू लगाने के तुरंत बाद की जाती है. दूसरी सिंचाई मेढ़ों पर मिट्टी चढ़ाने के बाद की जाती है. इस दौरान कई खरपतवार भी उग जाते हैं, जो निराई गुड़ाई व मिट्टी चढ़ाने से हट जाते हैं. जितनी मिट्टी चढ़ाएंगे उतने ही आलू अधिक फूलेंगे. आलू की खुदाई से पहले तीसरी सिंचाई की जाती है. नमी की वजह से खुदाई के दौरान फसल को कोई नुकसान नहीं होता है.

FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 23:32 IST

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