Udaipur News: Anti-Corruption Bureau arrests two property businessmen in Revenue Board bribery case

उदयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) जयपुर की इंटेलिजेंस यूनिट ने रेवेन्यू बोर्ड अजमेर के रिश्वत मामले (Bribery case) में उदयपुर के दो प्रॉपर्टी व्यवसायियों को गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम फिलहाल दोनों से पूछताछ में जुटी है. गिरफ्तार किए गए दोनों प्रॉपर्टी व्यवसायी दलाल वकील शशिकांत जोशी के संपर्क में थे. ये उसके माध्यम से राजस्व विवादों का मनमाफिक निर्णय कराते थे. एसीबी को राजस्व मंडल अजमेर में प्रकरणों के निस्तारण के बदले रिश्वत की राशि के लेनदेन की शिकायत मिली थी. इस पर एसीबी ने तकनीकी संसाधनों से निगरानी की और फिर एक बड़ा खुलासा किया था. उसमें राजस्व मंडल से जुड़े प्रकरणों के निर्णय के बदले रिश्वत राशि के लेन-देन की बात सामने आई थी.
अब एसीबी ने सवीना निवासी कालूलाल जैन और महावीर कॉलोनी में रहने वाले हितेश जैन को गिरफ्तार किया है. इनके माध्यम से राजस्व मंडल के सदस्य सुनील शर्मा से अपने फायदे के प्रकरण कराते थे. इन पर मनमाफिक निर्णय कराने के लिए रिश्वत देने और रिश्वत के बदले में राजस्व प्रकरणों में निर्णय सुनाने के पूर्व ही निर्णय का प्रूफ प्राप्त कर देखना और उसमें संशोधन करा कर निर्णय करवाने का आरोप है.
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व्यवसायियों की राजस्व मंडल के सदस्य से थी मिलीभगत
इस मामले के अनुसंधान में एसीबी ने प्रॉपर्टी व्यवसायी उदयपुर के कालू लाल जैन और हितेश जैन को गिरफ्तार किया है. इन दोनों पर आरोप है कि ये दलाल वकील शशिकांत जोशी के मार्फत राजस्व मंडल के सदस्य सुनील शर्मा से अपने हितबद्ध प्रकरणों में मनमाफिक निर्णय कराने के लिए रिश्वत की राशि देते थे.
निर्णय से पहले ही प्रूफ पहुंच जाता, संशोधन के बाद फैसला
रिश्वत के बदले में किसी भी प्रकरण के निर्णय से पहले रिश्वत देने वाले के पास उस निर्णय का प्रूफ पहुंच जाता था. बाद में उस निर्णय में अपने मनमाफिक संशोधन कराया जाता. ऐसे संशोधन कराने के बाद ही राजस्व मंडल के सदस्यों द्वारा निर्णय सुनाया जाता था.
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