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विक्रम भट्ट फ्रॉड केस: भट्ट दंपती की रिमांड खत्म, सिविल या क्रिमिनल? हाईकोर्ट आज तय कर सकता है केस की दिशा

Last Updated:December 16, 2025, 14:35 IST

Filmmaker Vikram Bhatt Fraud Case: उदयपुर में 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट की पुलिस रिमांड आज खत्म हो रही है. पुलिस उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश करेगी. वहीं, राजस्थान हाईकोर्ट ने यह तय करने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है कि मामला सिविल है या क्रिमिनल. कोर्ट के फैसले से केस की दिशा तय होगी.

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30 करोड़ ठगी केस में विक्रम भट्ट की आज पेशी, हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी नजरेंविक्रम भट्‌ट की रिमांड खत्म होने के बाद आज कोर्ट में पेशी

उदयपुर. बॉलीवुड फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार भट्ट दंपती को 9 दिसंबर को उदयपुर की एसीजेएम कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था, जो आज 16 दिसंबर को खत्म हो रही है. पुलिस उन्हें आज दोबारा कोर्ट में पेश करेगी, जहां रिमांड बढ़ाने या ज्यूडिशियल कस्टडी की मांग की जा सकती है. इधर, राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. यह फैसला केस को सिविल या क्रिमिनल मानने पर होगा, जिस पर सभी की नजरें टिकी हैं.

मामला उदयपुर के इंदिरा आईवीएफ ग्रुप के फाउंडर डॉ. अजय मुर्डिया की शिकायत से शुरू हुआ. मुर्डिया ने 17 नवंबर को सुखेर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी, बेटी कृष्णा भट्ट सहित 8 लोगों पर आरोप लगाया था कि दिवंगत पत्नी इंदिरा पर बायोपिक और अन्य फिल्में बनाने के नाम पर 30 करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई. आरोप है कि अप्रैल 2024 में उदयपुर निवासी दिनेश कटारिया ने मुंबई में भट्ट से मिलवाया. शुरुआत में 40 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट हुआ, बाद में 47 करोड़ में 4 फिल्में बनाने का वादा कर 100-200 करोड़ मुनाफे का लालच दिया. पैसे फर्जी वेंडर्स के जरिए भट्ट दंपती के खातों में ट्रांसफर हुए, लेकिन फिल्में नहीं बनीं.

मुंबई के दफ्तरों में छापे मार चुकी है पुलिस

पुलिस ने 7 दिसंबर को मुंबई से भट्ट दंपती को गिरफ्तार किया. ट्रांजिट रिमांड लेकर 8 दिसंबर रात उदयपुर लाए गए. 9 दिसंबर को कोर्ट ने 7 दिन रिमांड दी. इससे पहले को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी और वेंडर संदीप त्रिभुवन को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया. रिमांड के दौरान पुलिस ने दस्तावेज, बैंक ट्रांजैक्शन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच की. डीएसपी छगन राजपुरोहित की टीम मुंबई के दफ्तरों में छापे मार चुकी है.

हाईकोर्ट के रिजर्व ऑर्डर पर सबकी निगाहें टिकी

हाईकोर्ट में भट्ट पक्ष के वकील महेंद्र गोदारा ने इसे सिविल डिस्प्यूट बताया और कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पूरा हुआ है. कुछ फिल्में रिलीज भी हो चुकीं. पुलिस ने जल्दबाजी की है. कोर्ट ने पुलिस कार्रवाई पर नाराजगी जताई, आईजी गौरव श्रीवास्तव और एसपी योगेश गोयल वर्चुअल पेश हुए. करीब डेढ़ घंटे बहस के बाद जस्टिस समीर जैन ने फैसला रिजर्व रख लिया. भट्ट पक्ष का दावा है कि यह मिसअंडरस्टैंडिंग है, सबूत उनके पास हैं. पुलिस इसे क्रिमिनल फ्रॉड मान रही है. आज कोर्ट पेशी और हाईकोर्ट आदेश से केस की दिशा तय होगी कि क्या भट्ट को राहत मिलेगी या जांच और गहराएगी. अब हाईकोर्ट के रिजर्व ऑर्डर पर सबकी निगाहें टिकी हैं.

About the Authordeep ranjan

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें

Location :

Udaipur,Rajasthan

First Published :

December 16, 2025, 12:03 IST

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30 करोड़ ठगी केस में विक्रम भट्ट की आज पेशी, हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी नजरें

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