पेन नहीं ग्रामीणों ने खून से लिखा पत्र, सरकार को जगाने सड़कों पर उतरे लोग, प्रशासन को दी चेतावनी

चूरू. सरकार और शासन से खफा लोग अक्सर अपना आक्रोश जताने के लिए और अपनी मांगे मनवाने के लिए प्रदर्शन करते हैं, लेकिन राजस्थान के चूरू में ग्रामीणों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने खून से पत्र लिखा है. ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि खून से पत्र इसलिए लिखा ताकि प्रशासन हमारी पीड़ा, हमारे दर्द को समझ और महसूस कर सके.
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 19 महीने से गांव धीरासर, जासासर, नाकरासर ओर रामदेवरा के ग्रामीण क्षतिग्रस्त सड़क से परेशान हैं. जगह-जगह से टूटी सड़क आए दिन हादसों को न्यौता दे रही है. गांव धीरासर से चूरू की दूरी 35 किलोमीटर है लेकिन हमें 35 किलोमीटर का सफर तय करने में 1 घंटे से भी ज्यादा का समय लग जाता है.
ग्रामीणों में भारी आक्रोशगांव के ही संदीप पांडिया ने कहा 19 महीने पहले इस सड़क का निर्माण शुरू हुआ था लेकिन ठेकेदार ने आधी, अधूरी सड़क बनाकर छोड़ दी. जिसके चलते ग्रामीण बेहद परेशान हैं. यहां से गुजरने वाले वाहन क्षतिग्रस्त होते हैं साथ ही साथ समय भी ज्यादा लगता है. ऐसे में हमारी ओर से कई बार प्रशासन को अवगत करवाया गया लेकिन प्रशासन ने आज तक हमारी समस्या का समाधान नहीं किया. मजबूर होकर आज हम सैकड़ों की संख्या में चारों गांव के ग्रामीण कलेक्टर से अपनी पीड़ा रखने के लिए आए. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते हमारी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो हम बड़े आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. ग्रामीण लगातार इस समस्या से जूझ रहे हैं, कई बार इस सड़क से गुजरते समय ग्रामीण हादसों का शिकार हो चुके हैं, ऐसे में ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. ग्रामीणों ने बताया कई बार गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यहां से लेकर जाते हैं तो बीच रास्ते में ही मरीज दम तोड़ देता है ऐसे में यदि अब समस्या का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन हमें बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ऊंची राजनीतिक रसूख रखता है इसलिए प्रशासन भी कोई ध्यान नहीं दे रहा.
FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 16:08 IST