सिर्फ मसाला नहीं, विंध्य की हल्दी है दिमाग-तनाव-दर्द की रामबाण दवा! एक साथ ठीक करती इतने रोग – Madhya Pradesh News

हल्दी भारतीय रसोई की रानी है. यह न सिर्फ हमारे व्यंजनों को सुनहरा रंग और स्वाद देती है बल्कि सेहत का खजाना भी है. हल्दी की सारी शक्ति उसमें मौजूद करक्यूमिन में छुपी है. करक्यूमिन एक सक्रिय यौगिक है जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन-रोधी) और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. यही कारण है कि पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा से लेकर आधुनिक विज्ञान तक हल्दी को एक सुपरफूड मानता है.
रीवा आयुर्वेद हॉस्पिटल में पदस्थ डाॅक्टर अरविंद त्रिपाठी बताते हैं कि रीवा सहित विंध्य क्षेत्र की काली मिट्टी में होने वाली हल्दी सबसे ज्यादा मानसिक तनाव को कम करने में कारगर होती है. क्योंकि काली मिट्टी की में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो मन और मस्तिष्क दोनो को शांत रखने में सहायक होते हैं. इसलिए यहां होने वाली हल्दी खासकर कच्ची हल्दी का सेवन करना सेहतमंद होता है.
हल्दी का सेवन कैसे करें :सिर्फ हल्दी को खाने भर से इसके पूरे फायदे नहीं मिल पाते. करक्यूमिन शरीर में आसानी से अवशोषित नहीं होता.
काली मिर्च के साथ लें: हल्दी के साथ थोड़ी सी काली मिर्च (जिसमें पिपेरिन होता है) मिलाने से इसके अवशोषण में 2000% तक का सुधार होता है.
हेल्दी फैट के साथ लें: हल्दी को घी, नारियल तेल या दूध जैसे स्वस्थ वसा के साथ लेना भी फायदेमंद रहता है.विटामिन और फ़ूड सप्लीमेंट खरीदें
गर्म दूध: रोजाना रात को सोने से पहले एक चुटकी हल्दी के साथ गर्म दूध पीना सबसे आसान और प्रभावी तरीका है.
हल्दी में छुपा है सेहत का राज करक्यूमिन:
प्राकृतिक सूजन-रोधीशरीर में सूजन कई बीमारियों की जड़ है. करक्यूमिन शक्तिशाली रूप से सूजन को कम करने का काम करता है. यह जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस और मांसपेशियों की जकड़न में राहत देने में बेहद प्रभावी है.
शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूरकरक्यूमिन एक मजबूत एंटी-ऑक्सीडेंट है. यह शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है. इससे उम्र बढ़ने के लक्षण धीमे होते हैं और कई पुरानी बीमारियों का खतरा कम होता है.
इम्यूनिटी को बनाए मजबूतहल्दी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम करती है. इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण सर्दी-जुकाम, खांसी और अन्य संक्रमणों से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं. रोजाना एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीना इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है.
दिमाग की सेहत के लिए वरदानरिसर्च बताती हैं कि करक्यूमिन मस्तिष्क में BDNF (ब्रेन-डेराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर) नामक हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है. यह याददाश्त तेज करने और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में फायदेमंद हो सकता है.
दिल की सेहत का रखवालाहल्दी दिल के लिए भी बहुत फायदेमंद है. यह खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करती है और धमनियों में प्लाक जमने से रोकती है. इससे हृदय रोगों का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है.
त्वचा में लाए चमकहल्दी का उपयोग त्वचा के लिए वरदान है. इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों को दूर करते हैं और त्वचा की चमक बढ़ाते हैं. यह एक्ने और एक्जिमा जैसी समस्याओं में भी राहत देती है.
पाचन तंत्र को रखे दुरुस्तहल्दी पित्त के उत्पादन को उत्तेजित करके पाचन में सुधार करती है. यह पेट की गैस, अपच और सूजन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होती है.
मूड स्विंग और डिप्रेशन में राहतआयुर्वेद के कुछ अध्ययनों में करक्यूमिन को डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मददगार पाया गया है. यह मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन्स के स्तर को बढ़ाने में सहायक हो सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



