विनोद खन्ना: स्टारडम छोड़ ओशो के आश्रम में जाने की असली वजह

Last Updated:April 10, 2025, 09:57 IST
विनोद खन्ना ने 70-80 के दशक में सुपरहिट फिल्मों से हिंदी सिनेमा में धाक जमाई, लेकिन 1982 में करियर के पीक पर वो सबकुछ त्याग कर अमेरिका में ओशो के आश्रम जा पहुंचे. वहां ग्लैमर की चकाचौंध भरी दुनिया से कोसो दूर उ…और पढ़ें
विनोद खन्ना को अमिताभ बच्चन से होती थी जलन.
हाइलाइट्स
विनोद खन्ना ने 1982 में करियर के पीक पर संन्यास लिया.ओशो के आश्रम में 5 साल बिताने के बाद 1987 में वापसी की.ओशो ने खन्ना को अमिताभ बच्चन से जलन की वजह बताई.
नई दिल्ली. विनोद खन्ना 70 और 80 के दशक का वो एक्टर जिसका फिल्मों में होना ही हिट की गारंटी माना जाता था. एक के बाद एक लगातार बॉक्स-ऑफिस पर सुपरहिट फिल्मों की झड़ी लगा विनोद खन्ना ने हिंदी फिल्म जगत में वो जगह बनाई जिसे शायद ही कोई हिला सकता था. लेकिन फिर अचानक ही उन्होंने अपने करियर के पीक पर सबकुछ त्याग कर संन्यास लेने का फैसला कर लिया. वो भारत में अपना बना-बनाया करियर और खुशहाल परिवार छोड़ अमेरिका में ओशो की शरण में जा पहुंचे.
साल 1982 में विनोद खन्ना, अच्छा-खासा स्टारडम करियर, पत्नी और बच्चों को छोड़ आध्यात्मिक राह पर निकल पड़े थे. 1987 में फिल्म ‘इंसाफ’ से पर्दे पर वापसी करने से पहले वो 5 साल तक ओशो के आश्रम में रहे थे, जहां उन्होंने खुदको पूरी तरह से फिल्मों की चकाचौंध भरी दुनिया और दुनियादारी से पूरी तरह दूर कर लिया था. हाल ही में ओशो के भाई स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने हिंदी रश के साथ बात करते हुए विनोद खन्ना के आध्यात्मिक सफर के बारे में चर्चा की और एक्टर की ग्लैमर वर्ल्ड में वापसी की वजह का खुलासा किया.
vinod khanna
विनोद खन्ना के पड़ोसी थे ओशो के भाईओशो के भाई स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने बताया कि यूएस में रजनीशपूरम आश्रम में वो विनोद खन्ना के पड़ोसी थे और इसलिए वो उनसे अच्छी तरह से वाकिफ थे. वो कहते हैं, ‘ये लोग (एक्टर्स और सेलेब्रिटी) सपनों के सौदागर होते हैं. ये पर्दे पर सपनों जैसी एक दुनिया दिखाते हैं, लेकिन इनकी अपनी जिंदगी परफेक्शन से कोसो दूर होती है. इस चकाचौंध भरी दुनिया के पीछे घंघोर अंधेरा है’.
ओशो ने आंक ली थी एक्टर के मन की बातस्वामी शैलेंद्र सरस्वती कहते हैं कि विनोद खन्ना अक्सर उनसे कहा करते थे कि उन्हें घर की, अपनी पत्नी और बच्चों की बहुत याद आती थी. हिंदी फिल्मों में स्टारडम के पीक पर पहुंच कर सबकुछ त्यागने वाले विनोद खन्ना ओशो के आश्रम में माली का काम करते थे. ऐसे में उनके दुख का कारण कुछ और ही थी. स्वामी शैलेंद्र के मुताबिक उनके भाई ओशो ने एक्टर के दुख की असल वजह को आंक लिया था.
अमिताभ बच्चन से जलते थे विनोद खन्नाविनोद खन्ना आश्रम में अक्सर दुखी रहते थे और लोगों द्वारा पूछे जाने पर वो हमेशा यही कहते कि उन्हें इंडिया की और अपने परिवार की याद आती है, लेकिन ओशो जानते थे कि उनके दुख की असल वजह कुछ औऱ ही थी. स्वामी ने बताया, ‘ओशो ने विनोद खन्ना से कहा था कि वो वापस भारत जाएं और अमिताभ बच्चन का सामना करें’. अपने भाई और आध्यात्मिक गुरु ओशो की तारीफ करते हुए शैलेंद्र ने कहा कि ओशो एक व्यक्ति के मन की उन बातों को भी भांप लेते थे जिससे वो खुद भी अनजान रहता था.
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स्टारडम गंवाने का था गमउन्हें पता था कि विनोद खन्ना दुखी थी, लेकिन वो अपनी पत्नी और बच्चों को याद करके दुखी नहीं थे. उन्हें सबकुछ खोने का गम था. अपना स्टारडम और करियर गंवाने का गम था. उन्हें इस बात का गम और मलाल था कि करियर के पीक पर उन्होंने इंडस्ट्री छोड़ थी और उनके जाते ही अमिताभ बच्चन ने उनकी जगह ले ली. स्वामी के मुताबिक ओशो जानते थे कि कहीं न कहीं विनोद खन्ना को अमिताभ बच्चन से जलन होती थी.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 10, 2025, 09:57 IST
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अमिताभ बच्चन से जलते थे विनोद खन्ना, घबरा कर लिया था संन्यास!