Viral Mayra Video from Rajasthan | Unique Mayra Ceremony Jodhpur

Last Updated:November 01, 2025, 12:12 IST
Ajab Gajab: जोधपुर के गारासनी गांव में मायरे का दृश्य लोगों को चौंका गया, भाई हाथी पर आया और बहन ने हाइड्रो क्रेन पर बैठकर तिलक किया. गांव के रमेश जाखड़ ने अपनी बहन रामकन्या को मायरे में 21 लाख नकद, 10 तोला सोना और एक भूखंड भेंट स्वरूप दिया. यह भव्य रस्म परंपरा और आधुनिकता का संगम बन गई. भाई-बहन के इस अनोखे मिलन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने पूरे गांव में उत्सव का माहौल बना दिया.
ख़बरें फटाफट
जोधपुर. राजस्थान की परंपराओं में मायरे की रस्म का विशेष महत्व होता है, लेकिन जोधपुर जिले के आसोप कस्बे के निकटवर्ती गारासनी गांव में इस बार यह रस्म एक अलग ही अंदाज में देखने को मिली. शनिवार को हुए इस समारोह में भाई हाथी पर सवार होकर मायरा लेकर पहुंचे, तो बहन ने भी आधुनिक अंदाज़ में जवाब दिया. हाइड्रो क्रेन पर बैठकर भाई का तिलक किया. यह नज़ारा पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है.
गांव के रमेश जाखड़ अपनी बहन रामकन्या के यहां मायरा लेकर पहुंचे. जैसे ही गाजे-बाजों के साथ हाथी पर सवार भाई गांव में दाखिल हुए, देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. परंपरागत तिलक की रस्म निभाने के लिए जब बहन ऊंचाई पर बैठे भाई तक नहीं पहुंच सकीं, तो उन्होंने हाइड्रो क्रेन की मदद ली. क्रेन के जरिए सुरक्षित रूप से ऊंचाई तक पहुंचकर उन्होंने भाई का तिलक किया और राखी जैसा अपनापन जताया. यह दृश्य परंपरा और तकनीक के अद्भुत तालमेल को दर्शाता है.
21 लाख नकद, 10 तोला सोना और भूखंड की भेंटमिली जानकारी के अनुसार, इस मायरे समारोह में भाई ने अपनी बहन को 21 लाख रुपए नकद, 10 तोला सोना और एक भूखंड भेंट स्वरूप दिया. यह भव्य भेंट भाई के प्यार और सम्मान को दर्शाती है. इस पूरे रस्म का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसने इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. लोगों ने इस आयोजन को राजस्थान की परंपरा और आधुनिकता के सुंदर मिश्रण के रूप में सराहा.
गांव में उत्सव का माहौलमायरे के इस अनोखे दृश्य को देखने के लिए गारासनी गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया. ग्रामीणों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया. गाजे-बाजों, गीत-संगीत और खुशियों के बीच पूरा गांव भाई-बहन के इस प्यार भरे पल का साक्षी बना. यह आयोजन सिर्फ एक पारिवारिक समारोह नहीं, बल्कि समाज को भाई-बहन के अटूट प्रेम का संदेश भी देता है.
परंपरा और तकनीक का संगमयह आयोजन सिर्फ एक पारिवारिक रस्म नहीं, बल्कि एक संदेश भी था. परंपराएं तब और भी खूबसूरत लगती हैं, जब वे समय और तकनीक के साथ चलती हैं. जहां भाई ने हाथी पर सवार होकर पारंपरिक मायरा निभाया, वहीं बहन ने क्रेन पर बैठकर आधुनिकता की झलक दिखाई.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :
Jodhpur,Jodhpur,Rajasthan
First Published :
November 01, 2025, 12:12 IST
homeajab-gajab
Ajab Gajab: भाई हाथी पर, बहन क्रेन पर… Social Media पर छाया जोधपुर का मायरा!



