सड़कों पर राजमहल का विवाद, विश्वराज सिंह को नहीं करने दिए गए धूनी माता के दर्शन, जानें क्या है पूरा मामला
उदयपुर. उदयपुर शहर में एक बार फिर से माहौल गर्माया हुआ है. इस बार कोई सांप्रदायिक लड़ाई नहीं बल्कि दो भाइयों के बीच चल रहा संपत्ति विवाद है. यह संपत्ति विवाद भी कोई आम नहीं बल्कि मेवाड़ राज परिवार का विवाद है जिसको लेकर लगातार शहर का माहौल बिगड़ा हुआ है. दरअसल, मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में विश्वराज सिंह को चित्तौड़ में यह उपाधि दी गई. इसके बाद महाराणा का काफिला मेवाड़ के सिटी पैलेस स्थित धुनी माता के दर्शन करने के लिए पहुंचा जहां पर राज परिवार के सदस्य डॉक्टर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और मेवाड़ चेरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी अरविंद सिंह मेवाड़ द्वारा सिटी पैलेस के गेट बंद कर दिए गए और नोटिस लगा दिया गया कि यहां पर अवांछित लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा. इसके बाद विश्वराज सिंह की एंट्री पर रोक लगा दी जिससे मेवाड़ के राजपूत समाज के लोगों में काफी ज्यादा आक्रोश है. यह सारा विवाद धोनी माता के दर्शन के लिए हो रहा है. यह स्थान वही स्थान है जहां से मेवाड़ के सिटी पैलेस की नींव रखी गई थी वहीं जिस भी महाराणा को यह उपाधि दी जाती है वह उपाधि के बाद यहां दर्शन करता है इसके बाद एकलिंगजी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचता है. राजपरिवार की संपत्ति विवाद के चलते इस जगह को बंद कर दिया गया और यहां पर राज परिवार के अन्य सदस्य सहित विश्वराज सिंह की एंट्री रोक दी गई.
अब तक दोनों पक्षों में नहीं निकला कोई नतीजानाथद्वारा के सांसद विश्वनाथ सिंह मेवाड़ के पिता के निधन के बाद उन्हें महाराणा की उपाधि प्रदान की गई, लेकिन जब उपाधि प्रदान करने के बाद वह उदयपुर लौटे तो उसके बाद से ही माहौल गर्मा गया, दोनों पक्षों की ओर से किसी तरीके का कोई समझौता नहीं हो पाया. विश्वराज के साथ करीब 3000 लोग शामिल थे. वहीं जिला प्रशासन की ओर से सिटी पैलेस की सुरक्षा के लिए करीब 5000 से भी ज्यादा जवान तैनात किए गए. संदेश के बाद भी किसी तरीके का कोई नतीजा नहीं निकल पाया, वहीं सिटी पैलेस के बाहर नोटिस भी चस्पा कर दिया गया.
FIRST PUBLISHED : November 26, 2024, 12:37 IST