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जाति जनगणना पर राहुल गांधी के बयान के बाद भड़के विवेक, जिन्ना से की तुलना, बोले- ‘धर्म का कार्ड खेला और…’

नई दिल्ली: ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री अब अपनी अगली फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ की तैयारियों में जुटे हैं. वे इसके चलते बारीकी से रिसर्च कर रहे हैं, ताकि फैक्ट्स में कहीं कोई कमी न रहे. विवेक अग्निहोत्री ने बुधवार 31 जुलाई को एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा है, ‘जाति जनगणना क्यों एक भयावह राजनीतिक चाल है?’

फिल्ममेकर ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मैं अपनी फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ में काफी बिजी हूं, इसलिए मैं राजनीति में क्या हो रहा है, इस पर बारीकी से नजर नहीं रख पा रहा हूं. कल रात मैंने राहुल गांधी का भाषण सुना, जिसमें एक बड़ी समस्या नजर आई. अगर जातियों के लिए चिंता सचमुच होती, तो मैं इसे समझता, लेकिन यह सब सिर्फ हिंदू वोटों को बांटने और सत्ता हासिल करने के लिए है. इस खतरनाक कैंपेन के केंद्र में पीएम मोदी हैं, जाति नहीं. यह मोदी पर केंद्रित है, जाति पर नहीं. इसलिए यह सच नहीं है, यह भयावह है, जिसके कुछ कारण है.’

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(फोटो साभार: Platform X)

विवेक ने इसके पांच कारण गिनाए. उन्होंने पहला कारण में लिखा, ‘जब भाजपा ने राम आंदोलन शुरू किया, तो यह राजनीतिक और वैचारिक दोनों था. भाजपा और आरएसएस के लोग इसी तरह के होते हैं. उन्होंने जोश के साथ लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की, जिससे सभी हिंदू एक हो गए, जो देश के लिए अच्छा था.’

विवेक ने दूसरे कारण में लिखा, ‘राहुल गांधी का जाति जनगणना अभियान वीपी सिंह के खतरनाक मंडल आयोग अभियान की याद दिलाता है. राजा साहब वीपी सिंह ने अपनी सत्ता बचाने के लिए जाति के नाम पर राजनीति का यह खतरनाक दांव खेला था, जबकि उन्हें इस पर पूरा भरोसा नहीं था. इसका नतीजा यह हुआ कि समाज जाति के मामले में हमेशा के लिए टूट गया.’

विवेक ने तीसरे कारण में लिखा, ‘राहुल गांधी का जाति मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है, यह सब नकली है, जिसका मकसद सत्ता हथियाना है. राहुल गांधी जातियों के प्रति सहानुभूति नहीं, बल्कि जाति के नाम पर केवल राजनीति कर रहे हैं. यह कैंपेन लड़ाई-झगड़े, अराजकता और अव्यवस्था पैदा करेगा. समाज को और विभाजित करेगा. यह वही है जो शहरी नक्सली चाहते हैं.’

राहुल गांधी की जिन्ना और वीपी सिंह से की तुलनाविवेक ने चौथे कारण में लिखा, ‘पिछले पांच सालों से हम ‘द दिल्ली फाइल्स’ के लिए भारत के बंटवारे पर रिसर्च कर रहे हैं. मैंने जाना है कि जिन्ना धर्मनिरपेक्ष थे और गांधी जाति-धर्म की राजनीति के खिलाफ थे. लेकिन जब जिन्ना, गांधी की लोकप्रियता को चुनौती नहीं दे सके, तो उन्होंने धर्म का कार्ड खेला और भारत को विभाजित कर दिया. राहुल गांधी वही दोहरा रहे हैं जो जिन्ना और वीपी सिंह ने किया था. राजनीति में यह सबसे आसान चाल है.’

विवेक अग्निहोत्री का हिंदुओं से आह्वानविवेक ने अपने आखिरी और पांचवें कारण में लिखा, ‘हिंदुओं को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही हमारा सब कुछ है. भारत तभी विकसित होगा, जब हम एकजुट होंगे. भारत तभी सुरक्षित और मजबूत होगा, जब हम सब एकजुट होंगे. पिछले एक दशक में हम पहले से कहीं ज्यादा एकजुट हुए हैं. इसके लिए 100 साल की कुर्बानी दी गई है. इस एकता को मत खोइए. यह नरेंद्र मोदी की परीक्षा नहीं है, यह हर हिंदू की परीक्षा है. कृपया इसमें असफल न हों.’

Tags: Rahul gandhi, Vivek Agnihotri

FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 15:38 IST

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