विवियन डीसेना ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर दी प्रतिक्रिया.

नई दिल्ली. जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को दुखी कर दिया है. इस हमले में 28 से अधिक लोगों की जान चली गई, और कई मशहूर हस्तियों ने इस भयावह स्थिति पर प्रतिक्रिया दी है. बिग बॉस 18 में आखिरी बार नजर आए विवियन डीसेना ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इस घटना पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक मजबूत संदेश साझा करते हुए इस कृत्य की निंदा की.
विवियन, जो अक्सर सही कारणों के लिए खड़े होते हैं, ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर प्रतिक्रिया देने और अपनी राय व्यक्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने बताया कि निर्दोष लोगों की जान लेना और धर्म के आधार पर भेदभाव करना कितना अनुचित है.
‘मैं हिंदू हूं, मुसलमान हूं, दलित हूं…’उन्होंने पोस्ट में लिखा- ‘अगर आप हिंदुओं से नफरत करते हैं क्योंकि वे हिंदू हैं, तो मैं हिंदू हूं. अगर आप मुसलमानों से नफरत करते हैं क्योंकि वे मुसलमान हैं, तो मैं मुसलमान हूं. अगर आप लोगों को उनके जन्म के आधार पर नीची जाति का मानते हैं, तो मैं दलित हूं. मैं वह व्यक्ति हूं जिसे आप नफरत करते हैं’.
‘मैं मौजूद रहूंगा, मैं जीतूंगा’उन्होंने आगे कहा, ‘ मैं मौजूद रहूंगा. मैं जीतूंगा. आपको अपने मानसिक शांति के लिए बदलना होगा. मैं जो हूं वही रहूंगा और जो बनूंगा वही बनूंगा. शांति से जी लो या अपनी नफरत में घुटते रहो. मैं यहां रहने के लिए हूं.’
विवियन डीसेना का पोस्ट.
अली गोनी का ऐसे फूटा था गुस्साइससे पहले, कई अन्य सेलिब्रिटी भी अपने सोशल मीडिया पर इस घृणित कृत्य पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं. अली गोनी ने लिखा, ‘आज पहलगाम में हुए भयानक आतंकवादी हमले से मेरा दिल टूट गया और मैं गुस्से में हूं. यह बेवजह की हिंसा निर्दोष जीवन के खिलाफ है और इस्लाम की शांति की शिक्षा के विपरीत है. मेरी प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. हमें ऐसे बुराइयों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए.’
असीम रियाज ने जाहिर की नाराजगीवही, असीम रियाज ने कहा था, ‘एक खूबसूरत घाटी आज रात डरावने सीन में बदल गई है. कश्मीर आज रात रो रहा है और हम भी. आतंक ने जीवन, भविष्य, शांति छीन ली. मैं इस घृणित कृत्य की निंदा करता हूं और पीछे छूटे लोगों के लिए ताकत की प्रार्थना करता हूं.’
देवोलीना भट्टाचार्जी भी भड़कीवहीं, गोपी बहन यानी देवोलीना भट्टाचार्जी ने भी गुस्सा जाहिर करते हुए कहा था, ‘कैंडल मार्च और ये वो सब तो ठीक है. लेकिन जितना मैं समझती हूं, सुनी हूं, बिना स्थानीय लोगों की मदद के ऐसे आतंकवादी हमले संभव नहीं हो पाते… लगभग वही कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ.’