Rajasthan

Wagad Mahotsav 2025 Celebrations in Dungarpur

Last Updated:November 02, 2025, 10:12 IST

Dungarpur Foundation Day 2025: डूंगरपुर ने अपने 744वें स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय वागड़ महोत्सव की शुरुआत की. रावल वीरदेव सिंह द्वारा स्थापित इस शहर ने अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को फिर से जीवंत किया. महोत्सव के पहले दिन शोभायात्रा, दीपदान और आतिशबाजी हुई. जूना महल, उदयविलास पैलेस, बेणेश्वर धाम और गेपसागर झील यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. यह उत्सव वागड़ की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपराओं को बढ़ावा देने का माध्यम है.

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डूंगरपुर का 744वां स्थापना दिवस बना ऐतिहासिक, वागड़ की धरती पर उमड़ी जनताडूंगरपुर स्थापना दिवस 2025: वागड़ महोत्सव में झलकी 744 वर्षों की सांस्कृतिक विरासत

Dungarpur Foundation Day 2025: डूंगरपुर आज अपना 744वां स्थापना दिवस मना रहा है. सात सदियों पहले रावल वीरदेव सिंह द्वारा रखी गई इस नगर की नींव आज भी अपने इतिहास, संस्कृति और स्थापत्य की छाप संजोए हुए है. यह उत्सव शहर के गौरवशाली अतीत को याद करने का एक मौका है.

डूंगरपुर ने कई ऐतिहासिक पड़ाव देखे हैं. 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था, और 1948 में भारतीय संघ में विलय के बाद डूंगरपुर राजस्थान का एक प्रमुख जिला बन गया.

इतिहास और स्थापत्य का गौरवडूंगरपुर पहले एक स्वतंत्र रियासत रही, जहां के शासकों को ‘महारावल’ कहा जाता था. शहर की वास्तुकला पर मेवाड़ और गुजरात की शैलियों का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है, जो इसकी क्षेत्रीय पहचान को मजबूत करता है.

जूना महल: 13वीं शताब्दी का यह महल अपने भित्तिचित्रों और स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है, जो अतीत की कलात्मकता को दर्शाता है.
उदयविलास पैलेस: महारावल उदयसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित यह महल अपनी भव्यता के कारण आज भी डूंगरपुर की पहचान है.

प्रमुख स्थल जो डूंगरपुर की पहचान हैंडूंगरपुर की पहचान सिर्फ महलों से नहीं, बल्कि इसके धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों से भी है:

बेणेश्वर धाम: सोम, माही और जाखम नदियों का त्रिवेणी संगम. इसे ‘वागड़ का कुंभ’ कहा जाता है.
गलियाकोट दरगाह: माही नदी किनारे स्थित फखरुद्दीन शाह की मजार, जहां उर्स के दौरान हजारों श्रद्धालु आते हैं.
देवसोमनाथ मंदिर: बिना चुना या सीमेंट के बना तीन मंजिला पत्थर का मंदिर, जो वेरावल के सोमनाथ जैसा प्रतीत होता है.
गेपसागर झील: शहर की ह्रदयस्थली, दिल के आकार की झील जिसके बीच में विशाल शिव प्रतिमा और बादल महल की सुंदरता मन मोह लेती है.

शाही परिवार और डूंगरपुर की पहचानडूंगरपुर के शाही परिवार ने देश के विकास में अहम योगदान दिया है:

महारावल लक्ष्मण सिंह: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष रहे.
राज सिंह डूंगरपुर: बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे.
डॉ. नागेन्द्र सिंह: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के जज और अध्यक्ष बने.
हर्षवर्धन सिंह: राज्यसभा सदस्य रहे हैं.

वागड़ महोत्सव: परंपरा और आधुनिकता का संगमहर वर्ष की तरह इस बार भी वागड़ महोत्सव 2 से 4 नवम्बर तक आयोजित किया जा रहा है.

2 नवम्बर (स्थापना दिवस): लक्ष्मण मैदान से शोभायात्रा, गेपसागर में दीपदान व आतिशबाजी, सांस्कृतिक कार्यक्रम.
3 नवम्बर: पारंपरिक खेल, रंगोली, मेहंदी, साफा बांधना जैसी प्रतियोगिताएं.
4 नवम्बर: सागवाड़ा में पारंपरिक खेल और दीपदान के साथ समापन.

डूंगरपुर कलेक्टर अंकित कुमार सिंह के अनुसार, यह महोत्सव वागड़ की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपराओं को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम है.

Location :

Dungarpur,Dungarpur,Rajasthan

First Published :

November 02, 2025, 10:12 IST

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डूंगरपुर का 744वां स्थापना दिवस बना ऐतिहासिक, वागड़ की धरती पर उमड़ी जनता

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