Waqf Protests In Murshidabad | 40% आबादी मुस्लिम है फिर भी… बंगाल की ममता पर यूं भारी पड़े असम के हिमंता!

Last Updated:April 11, 2025, 23:24 IST
Waqf Protests Today: शुक्रवार का दिन था. पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए. इसके उलट, करीब 40% मुस्लिम आबादी वाले असम में कहीं कुछ नहीं हुआ.
हिमंता ने बंगाल या ममता का नाम नहीं लिया, मगर इशारों में सब कह दिया.
हाइलाइट्स
शुक्रवार को असम में वक्फ कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए.पड़ोस में पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा भड़की.असम में पुलिस की तैयारी से हालात नियंत्रण में रहे, बंगाल में चूक हुई.
नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के लागू होने के बाद यह पहला शुक्रवार था. देश के कई हिस्सों में पहले से ही इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भी संगठित रूप से विरोध की खबरें आईं. हालांकि, पश्चिम बंगाल में जगह-जगह नमाज के बाद प्रदर्शन ने हिंसक रूप लिया. खासतौर से मुर्शिदाबाद में तो भीड़ ने हद ही पार कर दी. वहीं, बंगाल से सटे असम में जुमे का दिन शांतिपूर्ण गुजरा. असम में मुस्लिम आबादी करीब 40% है, वहां स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही. इसके उलट पश्चिम बंगाल, जहां मुस्लिम आबादी लगभग 30% है, में हिंसक झड़पें हुईं, पुलिस वाहनों को आग लगाई गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.
अगर शुक्रवार (11 अप्रैल 2025) को लॉ एंड ऑर्डर पर जज करना हो तो यही कहा जाएगा कि असम सीएम हिमंता बिस्व सरमा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भारी पड़े. सरमा ने X (पहले Twitter) पर अपने पोस्ट में यही प्वाइंट उठाया.
‘असम पुलिस पहले से तैयार थी’
असम में वक्फ कानून में संशोधन के खिलाफ कुछ जगहों पर प्रदर्शन हुए, लेकिन हर जगह 150 से कम लोग शामिल थे. पुलिस ने पहले से तैयारी कर रखी थी, इसलिए हालात नहीं बिगड़े. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस की तारीफ की और कहा कि सभी समुदाय के लोग बोहाग बिहू को शांति से मनाने की तैयारी में जुटे हैं.
Despite having nearly 40% Muslim population, Assam has remained peaceful today except isolated protests in three places involving not more than 150 participants each against the Waqf Amendment Act.My compliments to @AssamPolice for their extensive groundwork that helped…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 11, 2025