झुंझुनूं का योद्धा: आंखों की रोशनी गई पर नहीं हारी हिम्मत, आज कर रहे सरकारी नौकरी

रविन्द्र कुमार / झुंझुनूं: जिले के निवासी उमेश राणासरिया ने आंखों की रोशनी खोने के बावजूद अपने हौसले को नहीं हारा और आज नगर परिषद में सहायक लेखा अधिकारी (एएओ) के पद पर कार्यरत हैं. 2002 से उमेश आंखों की रोशनी से वंचित हैं, जब अचानक आंखों में संक्रमण के कारण उनकी दृष्टि चली गई.
कठिनाईयों का सामनाउमेश ने बताया कि इससे पहले वे एक साधारण व्यक्ति की तरह जीवन यापन कर रहे थे. उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, लेकिन संक्रमण ने उनकी जिंदगी को बदल दिया. कई ऑपरेशन के बावजूद, डॉक्टरों ने उन्हें बता दिया कि वे अब देख नहीं पाएंगे. इस कठिनाई ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया, लेकिन उमेश ने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने दर्द को भुलाकर नए सिरे से जीवन जीने का निर्णय लिया.
शिक्षा और सफलताउमेश ने ठान लिया कि वे अपनी शिक्षा जारी रखेंगे. उन्होंने ओपन स्कूलिंग के माध्यम से 10वीं, 12वीं, बीए, एमए और एमएड की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, दिल्ली में “ऑल इंडिया कॉन्फ्रेडरेशन ऑफ ब्लाइंड” से बेसिक कोर्स और “नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड” से कंप्यूटर कोर्स किया.
2016 में, जब स्थानीय निकाय में वैकेंसी निकली, तो उन्होंने आवेदन किया और परीक्षा में राजस्थान में सातवीं रैंक हासिल की. इस तरह, उन्होंने नगर परिषद में जॉब हासिल की और अब झुंझुनू नगर परिषद में एएओ के रूप में कार्यरत हैं.
परिवार का सहयोगउमेश ने बताया कि ऑफिस जाने में उनके परिवार के सदस्य उनकी मदद करते हैं. शुरुआत में कुछ कठिनाई महसूस हुई, लेकिन अब वे अपनी रोजमर्रा की जिम्मेदारियों को स्वयं निभाते हैं. उनका यह संघर्ष और सफलता उन सभी के लिए प्रेरणा है जो मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 15:08 IST