Waste to Wonder: राजस्थान में प्लास्टिक-वेस्ट से बन रही सड़क, ऐसी 15 हजार किमी सड़कें बनीं

हाइलाइट्स
नई सड़कें बनाने पर गहलोत सरकार का सबसे कम रहा फोकस, सिर्फ 12230 किलोमीटर ही बनीं
पीडब्ल्यूडी सेवा एप से सड़कों की मॉनिटरिंग के साथ-साथ ऑनलाइन शिकायतें का भी समाधान
कम लागत में वाली गुणवत्तापूर्ण सड़कें वाहनों के लिए सुरक्षित और पर्यावरण को भी करेंगी संरक्षित
रिपोर्ट – एच. मलिक
जयपुर. राजस्थान सरकार का यह नवाचार (Innovation) आम के आम, गुठलियों के दाम की कहावत को चरितार्थ करने वाला है. इससे जनता के लिए जरूरी मजबूत सड़कें तो बन ही रही हैं, साथ ही साथ लोगों के स्वास्थ्य (Health) के लिए घातक प्लास्टिक वेस्ट का निष्पादन हो रहा है. प्रदेश सरकार (Gehlot Government) अब तक अपशिष्ट प्लास्टिक (Plastic Waste) का उपयोग कर 15 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें बना चुकी है. करीब साढ़े चार साल पहले प्रदेश की सत्ता जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभाली थी, तब राज्यभर में एक लाख किलोमीटर से अधिक सड़कों का विकास कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था. सरकार को इसमें अब तक 64 प्रतिशत सफलता मिली है.
गहलोत सरकार ने राज्य में जो सड़कों का जाल बिछाया है, उसमें विकास के साथ-साथ खास बात नवाचारों की है. पिछले कुछ साल में प्रदेश में सड़क बनाने में हो रहे ये नए-नए प्रयोगों के चलते न सिर्फ पैसा बचा है, बल्कि प्रदूषण कम करने के प्रयासों को भी मदद मिली है. प्लास्टिक प्रदूषण जैसी समस्या से निपटने के लिए सरकार ने सड़कों के निर्माण में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल किया है. अब तक करीब 15 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें डामर के साथ अपशिष्ट प्लास्टिक के उपयोग से बन चुकी हैं.
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एप की मदद से ऑनलाइन शिकायत पर ही समाधान
इससे बनी सड़कें टिकाऊ व मजबूत होने के साथ ही प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में भी मदद मिल रही है. सड़क निर्माण, मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग के लिए किए जा रहे इन नवाचारों में अधिकारियों के साथ-साथ जनता भी भागीदार है. अब सड़कों के रखरखाव के लिए पीडब्ल्यूडी सेवा एप को विकसित किया जा रहा है. इससे प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ-साथ सड़कों के संबंध में मिलने वाली शिकायतें भी ऑनलाइन प्राप्त होंगी और उनका तत्काल हल किया जा सकेगा.
सड़क निर्माण में नवाचारों से लागत में भी आई कमी
सड़कों के निर्माण के लिए सरकार पारंपरिक तरीकों के साथ नवीन तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रही है. इसके तहत फुल डैप्थ रिक्लेमेशन के तहत पुरानी सड़क की सामग्री का उपयोग कर नई सामग्री (ग्रिट) के साथ सड़क का निर्माण किया गया है. इससे लागत घटी है. राज्य में 330 किमी लंबी सेल फील्ड कंक्रीट सड़क का निर्माण हो चुका है. साथ ही ग्रीन रोड्स के लिए ग्रिट, इमल्शन को बिना गर्म किए प्लांट में मिलाकर सड़क का निर्माण किया जा रहा है.
प्रदेश में नई सड़कें सिर्फ 12230 किलोमीटर ही बनीं
सीएम गहलोत के इस कार्यकाल में सरकार ने अब तक 32 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च करके करीब 64 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया है. इसमें से सर्वाधिक 41,930 किलोमीटर सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों में बनी हैं. इन पर करीब 10,880 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसके अलावा 12,230 किमी नई सड़कें 6,083 करोड़ से अधिक की लागत से बनाई गई हैं. प्रदेश के राजमार्गों और जिलों की मुख्य सड़कें नौ हजार किलोमीटर से ज्यादा बनी हैं. साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास पर करीब 5030 करोड़ की धनराशि खर्च हुई है.
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Tags: Ashok Gehlot Government, Jaipur news, Plastic waste, Rajasthan news in hindi
FIRST PUBLISHED : August 09, 2023, 09:04 IST