Indian Air Force Story: RIMC के छात्र, NDA के स्टार, कारगिल युद्ध में रही अहम भूमिका, अब मिली बड़ी जिम्मेदारी

Last Updated:May 03, 2025, 12:50 IST
Indian Air Force Story: RIMC से पढ़ाई करने वाले अधिकांश लोगों की एंट्री NDA में मिल जाती है. इसके बाद वह तीनों सेनाओं में टॉप पद तक पहुंचते हैं. ऐसे ही अभी एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी (Air Marshal Narmdeshwar …और पढ़ें
NDA Indian Air Force Story: एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी को डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनाया गया है.
हाइलाइट्स
इन्हें डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनाया गया है.कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई.तेजस विमान की सफलता में योगदान दिया.
Indian Air Force Story: भारतीय वायुसेना में टॉप पद पर पहुंचने वाले अधिकांश लोग NDA कैडेट से होते हैं. एक बार एनडीए में चयन होने के बाद उनके वर्क अनुभव के आधार पर अलग-अलग पद दिए जाते हैं. ऐसे ही अभी हाल ही में एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी (Air Marshal Narmdeshwar Tiwari) को डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ (Vice Chief of the Air Staff) बनाया गया है. अब वह इस पद का कार्यभार संभाल लिया है. वह एयर मार्शल एस.पी. धारकर की जगह ली है, जो 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त हुए हैं.
डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनाए जाने से पहले एयर मार्शल तिवारी गांधीनगर स्थित दक्षिण पश्चिमी वायु कमान का नेतृत्व कर रहे थे. यह कमान देश की वायु सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
RIMC, NDA से की हैं पढ़ाईएयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने अपनी स्कूली पढ़ाई राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज, देहरादून (RIMC) से पूरी की हैं. इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी, खड़कवासला (NDA) में दाखिला लिया. उन्होंने NDA से 1985 में प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल के साथ ग्रेजुएशन किया है और 1986 में वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट नियुक्त हुए. इसके अलावा, उन्होंने अमेरिका के एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से भी ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की हैं.
कारगिल युद्ध में निभाई अहम भूमिकाएयर मार्शल तिवारी ने वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में ‘लाइटनिंग’ लेजर डेजिग्नेशन पॉड को एक्टिव करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. यह पॉड इज़राइल से मंगवाया गया था और इसे भारतीय लड़ाकू विमानों पर लगाया गया. इससे लेजर-निर्देशित बमों को सटीकता से लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिली, जिससे ऊंची पहाड़ियों पर छिपे पाकिस्तानी सैनिकों पर सटीक हमला संभव हुआ.
तेजस की सफलता में निभाई बड़ी भूमिकाएयर मार्शल तिवारी वर्ष 2006 से वर्ष 2009 तक स्वदेशी लड़ाकू विमान ‘तेजस’ के उड़ान परीक्षणों में शामिल रहे. इसके बाद 2018-19 में वे नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (फ्लाइट टेस्ट) रहे. उन्होंने तेजस को अंतिम ऑपरेशनल मंजूरी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. एयर मार्शल तिवारी एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं और मिराज व तेजस जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों को उड़ाने का लंबा अनुभव रखते हैं. वे एक योग्य फ्लाइट इंस्ट्रक्टर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट भी हैं. उन्हें 3,600 घंटे से ज्यादा की उड़ान का अनुभव है.
homecareer
RIMC के छात्र, NDA के स्टार,कारगिल युद्ध में रही अहम भूमिका,मिली ये जिम्मेदारी