‘हम किसी मामले को लेकर टची नहीं’, फिर CJI चंद्रचूड़ के हवाले किया मामला, जज बोले- उन्हें डिसाइड करने दीजिए – dda tree felling contempt case supreme court justice br gavai say let cji dy chandrachud decide we are not touchy know issue

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ गिराने के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) इसमें बुरी तरह से कानूनी दाव-पेच में फंस गया है. DDA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की कार्यवाही चल रही है. इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है. दरअसल, DDA के खिलाफ रिज एरिया में पेड़ गिराने के मामले में शीर्ष अदालत में ही दो बेंच के समक्ष अवमानना का मुकदमा चल रहा है. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो उन्होंने इसपर कार्यवाही आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया और केस को CJI डीवाई चंद्रचूड़ के हवाले कर दिया. साथ ही कहा कि पहले सीजेआई चंद्रचूड़ को यह तय कर लेने दिया जाए कि इस मामले पर कौन सी पीठ सुनवाई जारी रखेगी.
दरअसल, दिल्ली रिज एरिया में पेड़ गिराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की दो पीठ में अवमानना की सुनवाई हो रही है. इस तरह मामला एक है, लेकिन बेंच दो. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ में जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन भी शामिल हैं. दूसरी तरफ, जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता में दूसरी बेंच भी डीडीए के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रही है. जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने जब यह मामला आया तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि एक ही मामले में दो अलग-अलग पीठ द्वारा परस्पर विरोधी आदेश जारी नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे में यह पूरी तरह से स्पष्ट होना चाहिए कि कौन सी पीठ इस मामले पर आगे सुनवाई जारी रखेगी.
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CJI को डिसाइड करने दें- जस्टिस गवईDDA के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने अप्रैल 2024 में कार्यवाही शुरू की थी. DDA द्वारा पेड़ गिराने से जुड़े मामले में दूसरी पीठ ने मई 2024 में सुनवाई शुरू की थी. जस्टिस गवई ने आगे कहा, ‘उचित यह होगा कि दूसरी पीठ को इस मामले में अवमानना की सुनवाई शुरू करने से पहले CJI से स्पष्टीकरण लेना चाहिए.’ बता दें कि जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 8 फरवरी 2024 को डीडीए को रिज एरिया में पेड़ न गिराने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद पेड़ काटे गए थे. इसी मामले में कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला चल रहा है. जस्टिस गवई ने आगे कहा कि हमलोग किसी मामले को लेकर टची नहीं हैं…CJI को फैसला करने दीजिए.
दिल्ली का फेफड़ाबता दें कि दिल्ली के रिज एरिया में सड़क निर्माण के लिए सैकड़ों की तादाद में पेड़ काटे गए थे. यह कदम तब उठाया गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा न करने का निर्देश दिया था. रिज एरिया को दिल्ली का फेफड़ा भी कहा जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के मामले में सख्त नाराजगी जताई थी. साथ ही कोर्ट ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना की भूमिका को अधिकारियों द्वारा छिपाने पर खरी-खरी भी सुनाई थी. कोर्ट ने कहा था कि पेड़ों को काटने की अनुमति देने में उपराज्यपाल ने पूरी तरह से विवेक का प्रयोग नहीं किया.
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FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 18:06 IST