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हम घोड़े पर भाग रहे थे, गोलियों का शोर था, लोगों की चीख… पहलगाम हमले में बचे कपल की कहानी

Last Updated:April 24, 2025, 07:48 IST

कोमल बताती हैं, “अचानक से कुछ आवाज सुनाई दी, जो की गोलियों की थी. पहले एक गोली, और फिर दूसरी. हमने एक आदमी को गिरते देखा. फिर एक और. हमारे आस-पास सब कुछ रुक गया.”हम घोड़े पर भाग रहे थे, गोलियों का शोर था... पहलगाम हमले में बचे  कपल की कहानी

पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कपल ने सुनाई कहानी.

जयपुरः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई. वहीं जो लोग इस हमले के दौरान मौके पर मौजूद थे, वो इस घटना को एक बुरे सपने की तरह भूला देना चाहते हैं. लेकिन गोलियों की तड़तड़ाहट और लोगों की चीख उनके कानों में अबतक गूंज रही है. जो लोग इस हमले में बच गए, उन्होंने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर को छोड़ा और अपने घर लौट आए. चश्मदीदों ने जो कहानी सुनाई है, वो रोंगेट खड़े कर देने वाली है.

जब हमले के बीच फंस गया कपलपहलगाम से लगभग 5 किलोमीटर दूर बैसरन मैदान में आतंकवादी हमले के एक दिन बाद, जब कोमल सोनी श्रीनगर से उड़ान भरकर दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंची, तब भी उनकी आंखों में आँसू थे, फिर भी वह राहत महसूस कर रही थीं. उन्होंने अपने पति मिहिर के हाथ को कसकर पकड़ रखा था. मानो उसे छोड़ने से आवाज़ें वापस आ जाएँगी – गोलियाँ, चीखें और उसके बाद का सन्नाटा. अपनी शादी के सिर्फ़ दो महीने बाद, युवा जोड़ा पहलगाम आया, ताकि पहाड़ों में कुछ खूबसूरत लम्हें गुजार सके.

‘सबकुछ रुक सा गया था’कोमल बताती हैं, “अचानक से कुछ आवाज सुनाई दी, जो की गोलियों की थी. पहले एक गोली, और फिर दूसरी. हमने एक आदमी को गिरते देखा. फिर एक और. हमारे आस-पास सब कुछ रुक गया.” यह सब बताते हुए कोमल की आवाज बहुत धीमी थी. मानो जैसे वह फुसफुसा रही है. कोमल और उनके पति वे समाचार नहीं देख रहे थे. वे उस घटना को जी रहे थे.

घोड़े पर सवार होकर भागा कपलउन्होंने कहा, “लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी की तस्वीर – दुनिया के लिए, यह वायरल हो गई. हमारे लिए, यह वास्तविक थी. हमने मौत को करीब आते देखा. वो जब तक हम लोगों के पास पहुंचते. हम घोड़े पर सवार होकर भाग निकले. हमारी सांसें फूल रही थीं, वे फुसफुसाते हुए प्रार्थना कर रहे थे. स्थानीय लोगों ने उन्हें घबराने से मना किया, लेकिन डर पहले ही जड़ जमा चुका था. जब वे घास के मैदान के प्रवेश द्वार पर पहुंचे, तो उनके मन में बस एक ही विचार था – जितना हो सके उतनी तेजी से भागना.’ अगले दिन, वे दिल्ली के लिए पहली उड़ान पर थे, जयपुर के लिए घर जा रहे थे. कोमल ने कहा, “हम कभी कश्मीर वापस नहीं जाएँगे.’ यह सब कहते हुए कोमल फिर रोने लगी.

First Published :

April 24, 2025, 07:48 IST

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