Weather Today: कंबल-रजाई निकाल लीजिए, इस बार नवंबर में ही… IMD की भविष्यवाणी जान छूट जाएगी कंपकंपी

Last Updated:October 31, 2025, 19:35 IST
IMD Forecast: मौसम विभाग के मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि नवंबर में उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिमी भारत में ठंड बढ़ेगी, मैक्सिमम टेम्परेचर कम रहेगा और बारिश सामान्य से ज़्यादा हो सकती है.
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मौसम विभाग ने कहा कि नवंबर के तापमान में गिरावट होने की संभावना है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. ठंड ने धीरे-धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है और जल्द ही आपको अपने कंबल-रजाई निकालने की नौबत आ सकती है. मौसम विभाग (आईएमडी) की भविष्यवाणी में भी यही संभावना जताई गई है. आईएमडी ने शुक्रवार को कहा कि नवंबर में देश के बड़े हिस्सों, जिसमें उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिमी भारत शामिल हैं, में मैक्सिमम टेम्परेचर नॉर्मल से कम रहने की आशंका है. हालांकि, उत्तर-पश्चिम के कुछ इलाकों को छोड़कर, ज़्यादातर इलाकों में मिनिमम टेम्परेचर नॉर्मल से ज़्यादा रहने की उम्मीद है.
एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में, IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि नवंबर में देश के ज़्यादातर हिस्सों में मैक्सिमम टेम्परेचर नॉर्मल से कम रहने का अनुमान है, लेकिन पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, हिमालय की तलहटी, उत्तर-पूर्वी भारत के ज़्यादातर हिस्सों और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में मैक्सिमम टेम्परेचर नॉर्मल से ज़्यादा रहने की संभावना है.
उन्होंने कहा, “देश के ज़्यादातर हिस्सों में मिनिमम टेम्परेचर नॉर्मल से ज़्यादा रहने की संभावना है, सिवाय उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों के, जहां मिनिमम टेम्परेचर नॉर्मल या नॉर्मल से कम रहने की उम्मीद है.” महापात्रा ने कहा कि मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में कमज़ोर ला नीना की स्थिति बनी हुई है.
महापात्रा ने कहा कि ला नीना की स्थिति दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक बनी रहने की संभावना है, और जनवरी-मार्च के दौरान ENSO-न्यूट्रल में बदलने की उम्मीद है (55 प्रतिशत संभावना). IMD प्रमुख ने कहा कि देश के ज़्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज़्यादा बारिश होने की संभावना है, सिवाय उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ इलाकों को छोड़कर, जहां नवंबर में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है.
इससे पहले, IMD ने कहा था कि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान ज़्यादातर क्षेत्रों में सामान्य से ज़्यादा बारिश होने की उम्मीद है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है. महापात्रा ने बताया कि अक्टूबर में भारत में 112.1 mm बारिश हुई, जो सामान्य से 49 प्रतिशत ज़्यादा थी और 2001 के बाद दूसरी सबसे ज़्यादा बारिश थी. उन्होंने इस ज़्यादा बारिश का कारण चार कम दबाव वाले सिस्टम का बनना बताया, जिनमें से दो चक्रवाती तूफान में बदल गए, साथ ही उत्तर भारत में चार पश्चिमी विक्षोभ भी आए.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
October 31, 2025, 19:30 IST
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कंबल-रजाई निकाल लें, नवंबर में ही… IMD की भविष्यवाणी जान छूट जाएगी कंपकंपी



