Rajasthan

हर आयु वर्ग को संक्रमित कर सकता है Omicron, पहले संक्रमित हो चुके लोगों पर दुबारा अटैक का भी खतरा

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
Omicron variant in india : दुनिया भर में कोविड-19 के नए वैरिएंट के रूप में दहशत बढ़ा रहे ओमिक्रॉन को लेकर राजस्थान के शीर्ष विशेषज्ञों ने पहला आधिकारिक आकलन जारी किया है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. सुधीर भंडारी की ओर से किए गए इस आकलन के मुताबिक अभी तक लगाया गया टीका इस वैरिएंट पर असर करेगा या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन फिर भी इसे कारगर माना गया है। बड़ा आकलन यह भी मिला है कि अभी तक ओमिक्रॉन से संक्रमित मिले अधिकांश मामले अस्पताल में भर्ती की जरूरत बिना ही ठीक हो गए।

इसमें सामने आया है कि पहली और दूसरी लहर में संक्रमित हो चुके लोगों को फिर से इस वैरिएंट में संक्रमित होने की आशंका भी है। साथ ही यह हर आयु वर्ग को संक्रमित कर सकता है। यानी इसमें बच्चों को भी अन्य वर्ग की तरह ही खतरा रहने की आशंका है। डॉ. भंडारी ने यह आकलन दुनिया भर में अभी तक ओमिक्रॉन के सामने आए मामलों के विश्लेषण के आधार पर जारी किया है। यह माना गया है कि नए वैरिएंट से बचाव में अच्छी तरह से फिट होने वाला मास्क ही सर्वाधिक उपयोगी है।

आकलन के अहम नतीजे
– अत्यधिक थकान, मांशपेशियों में हल्का दर्द, गले में खराश और सूखी खांसी
– ऑक्सीजन में अत्यधिक गिरावट के मामले इसमें अभी तक सामने नहीं आए हैं
– थोड़ा अधिक बुखार भी कुछ ही मरीजों में सामने आया. यह माना गया है कि संक्रमण दर में सामान्य वृद्धि के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ सकती है
– दक्षिण अफ्रीका में रिपोर्ट किए गए शुरुआती ओमिक्रॉन मामलों में से कई विद्यार्थियों में थे, हालांकि अन्य वैरिएंट की तरह ही इसमें भी कम उम्र के लोगों में आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं
– इस वैरिएंट को डेल्टा वैरिएंट की तुलना में आरटीपीसीआर जांच से पहचानना अधिक आसान है

स्थितियां जो अभी स्पष्ट नहीं
– यह भी अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या यह एक से दूसरे में तेजी से प्रसारित होता है
– इसके मामले दक्षिण अफ्रीका में उस क्षेत्र में बढ़े हैं, जहां पहली बार ओमिक्रॉन मिला, लेकिन क्या ये इसी से बढ़े, इस पर अभी शोध किया जा रहा है
– दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के बाद अस्पताल में भर्ती की दर बढ़ी है, लेकिन यह भी अभी स्पष्ट नहीं है कि यह भर्ती दर ओमिक्रॉन के कारण ही है या अन्य कारण है
– वर्तमान में ओमिक्रॉन के लक्षण भिन्न होने का सुझाव देने के भी सबूत नहीं हैं, लेकिन यह निर्धारित करने में कई सप्ताह लग सकते हैं कि क्या ओमिक्रॉन सामान्य आबादी में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनेगा।

नए वैरिएंट से चिंता इसलिए
ओमिक्रॉनको वैरिएंट ऑफ कंसर्न के रूप में वर्गीकृत करने का निर्णय विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायरस विश्लेषण के तकनीकी सलाहकार समूह को प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर किया गया था। इस सबूत ने सुझाव दिया कि नए संस्करण में कई म्यूटेशन हैं, जो इसके फैलने की क्षमता, इससे होने वाली बीमारी की गंभीरता और महत्वपूर्ण रूप से मौजूदा कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकते हैं।

वैक्सीन और सावधानी दोनों जरूरी
नए वैरिएंट के बारे में यह हमारा प्रारंभिक आकलन दुनिया भर में सामने आए मामलों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आधार पर है। फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, वेंटिलेशन में सुधार के लिए खिड़कियां खोलना, खराब हवादार या भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना, हाथ साफ रखना, मुड़ी हुई कोहनी या रूमाल लगाकर खांसना, छींकना और टीकाकरण नित नए वैरिएंट मुकाबला करने के लिए बेहद आवश्यक है।
– डॉ. सुधीर भंडारी, प्राचार्य एवं नियंत्रक, एसएमएस मेडिकल कॉलेज

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