हिंदू हीरो ने चुना मुस्लिम हमसफर तो खिलाफ हुए मां-बाप, फिर भी की शादी, अब बोले- ये एक समझौता…

नई दिल्ली. बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी न सिर्फ अपनी फिल्मों बल्कि अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी काफी चर्चा में रहते हैं. जल्द वो फिल्म हेरा-फेरी 3 में नजर आएंगे. हाल ही में उन्होंने अपनी शादी को लेकर दिल खोलकर बात की है. उन्होंने बताया कि कैसे माना शेट्टी से उनका प्यार शादी तक पहुंचा. दोनों अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते थे लेकिन दोनों ने समाज की बंदिशों और परिवार की नाराजगी के बावजूद साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया और एक दूसरे का हाथ हमेशा के लिए थाम लिया.
सुनील शेट्टी और माना शेट्टी की शादी ने 90 के दशक की शुरुआत में काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उस समय, सुनील ने फिल्म इंडस्ट्री में सिर्फ एक फिल्म की थी और अक्सर स्टार्स को सलाह दी जाती थी कि वे इस समय शादी न करें. फिर भी, उन्होंने परंपराओं और सामाजिक मानदंडों को तोड़ते हुए माना से शादी की, जबकि दोनों परिवारों ने उनके अलग-अलग धार्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के कारण इसका विरोध किया.
मां-पिता ने कह दिया था- ये शादी नहीं हो सकती…
माना के साथ अपने रिश्ते पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘वह पहले दिन से मेरे साथ थी. मेरे माता-पिता स्पष्ट थे कि शादी नहीं हो सकती. आप शादी नहीं कर सकते. वो अलग धर्म से है लेकिन उसने कभी ऐसा नहीं सोचा. उसने हमेशा मुझसे कहा, ‘जब तक तुम चाहोगे, मैं तुम्हारे जीवन का हिस्सा रहूंगी.’ मैं इसे कैसे भूल सकता हूं?’
पहली फिल्म के रिलीज से पहले किया शादी का फैसला
सुनील ने याद किया कि उन्होंने अपनी पहली फिल्म रिलीज होने से पहले ही शादी करने का फैसला किया था. उन्होंने बताया- ‘जब मुझे मेरी पहली फिल्म मिली, हमने तभी शादी करने का फैसला किया और पहली फिल्म की रिलीज से पहले शादी कर ली. दुनिया मुझे कहती रही कि अगर मैंने शादी की, तो मैं अपने फैंस को खो दूंगा, खासकर फीमेल फैंस… कई लोगों ने मुझे हतोत्साहित किया. लेकिन मैंने अपना मन बना लिया था.’
25 दिसंबर 1991 में माना और सुनील शेट्टी ने एक-दूसरे का हाथ थामा था.
मुझे पता था- वह मुझे कभी नहीं छोड़ेगी
अपने फैसले के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब कोई जिसे आप गहराई से प्यार करते हैं, आपको एक सबसे असुरक्षित पेशे में कदम रखने देती है तो यह आपकी जिम्मेदारी बन जाती है कि आप उसका सम्मान करें. मैंने हमेशा अपने फैसलों के बारे में स्पष्ट और ईमानदार रहा हूं और मुझे पता था, भले ही मैं फ्लॉप हो जाऊं, वह मुझे कभी नहीं छोड़ेगी. हां, अगर मेरा व्यवहार गलत होता तो वह निश्चित रूप से छोड़ देती. वह आत्म-सम्मान माना में तब भी था और आज भी है.’
जब हमारी शादी हुई, तब शादी एक समझौता था
अपनी शादी पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब हमारी शादी हुई, तब शादी एक समझौता था. सात फेरे लेने का मतलब था कि सात जन्मों तक साथ रहना है. यह फिल्मी डायलॉग लग रहा होगा पर ऐसा है नहीं, यह सच्चाई है. जब आप उम्रदराज होते हैं तो आपको एहसास होता है कि एक अच्छी पत्नी आपके जीवन में कितना संतुलन लाती है, आपके बच्चों की परवरिश में और आप इसे अपने बच्चों में देखते हैं.’
सुनील शेट्टी और माना की लव स्टोरी
द रणवीर शो के एक एपिसोड में, सुनील शेट्टी ने यह भी बताया था कि वो पहली बार माना से कैसे मिले थे. उन्होंने बताया था, ‘मैं उसे देखते ही प्यार में पड़ गया. लेकिन मुझे गुंडा कहा जाता था क्योंकि मेरे पास बाइक थी, लंबे बाल थे और वैसी ही बॉडी थीऔर मेरे आसपास हमेशा महिलाएं होती थीं.’ उन्होंने बताया कि वे एक-दूसरे के साथ रहने के लिए कितनी मेहनत करते थे. करीब 9 साल तक दोनों ने एक-दूसरे को डेट किया. इस दौरान सुनील के माता-पिता शादी के खिलाफ रहे. लेकिन माना के परिवार ने उन्हें शुरू से ही पसंद किया. आखिरकार दोनों ने 25 दिसंबर 1991 को शादी कर ली. शादी के एक साल बाद 1992 में बेटी अथिया शेट्टी का जन्म हुआ और फिर 1996 में बेटे अहान शेट्टी उनकी जिंदगी में आए.