लगातार बारिश से बढ़ रहे खरपतवार, बाजरा-मूंग में करें निराई-गुड़ाई, यहां जानें बारिश में रखें क्या सावधानी-Weeds are growing due to continuous rains, do weeding in millet and moong, know here detail

झुंझुनूं : जिले में लगातार बारिश हो रही है. इससे फसलों में खरपतवार बढ़ रहे हैं. यदि आपने समय पर कृषि क्रियाएं नहीं की तो मौसम जनित अनुकूलता के चलते फसलों में कीट व्याधि का प्रकोप हो सकता है. ऐसे में मौसम को ध्यान में रखते हुए खरपतवार नियंत्रण और मिट्टी में उचित वायु संचार के लिए पिछले महीने बोयी गई बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और तिल की फसलों की निराई-गुड़ाई करें.
बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए अभी किसी प्रकार का छिड़काव नहीं करें किन्तु खड़ी फसलों व सब्जी नर्सरियों में उचित प्रबंधन रखें. कृषि अधिकारी मोनिका ने जानकारी देते हुए बताया की दलहनी फसलों तथा सब्जी नर्सरियों में जल निकास की उचित व्यवस्था करें. कीटों की रोकथाम के लिए प्रकाश प्रपंच (लाइट ट्रैप) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
प्रकाश प्रपंच का प्रयोग ऐसे करेंउन्होंने बताया की एक प्लास्टिक के टब या किसी बड़े बर्तन में पानी और थोड़ा कीटनाशी मिलाकर एक बल्ब जलाकर रात में खेत के बीच में रख दें. प्रकाश से कीट आकर्षित होकर उसी घोल पर गिरकर खत्म हो जाएंगे. इस प्रपांच से अनेक प्रकार के हानिकारक कीटों पर नियंत्रण होगा.
मूंगफली में पत्तियों का पीलापनइस पर नियंत्रण करने के लिए 0.1% सल्फ्यूरिक एसिड या 0.5% फेरस सल्फेट (हाराकासिस) का छिड़काव आसमान साफ होने पर करें. साथ ही इस फसल में टिक्का रोग के कारण पौधों की पत्तियों पर गहरे भूरे-काले धब्बे पड़ जाते हैं. इस रोग की रोकथाम के लिए रोग प्रकट होते ही आधा ग्राम प्रति लीटर पानी प्रति हेक्टेयर की दर से कार्बेन्डाजिम का छिड़काव करें.
इनकी बुवाई करेंमोनिका ने बताया की इस मौसम में किसान ग्वार की पूसा नव बहार, दुर्गा बहार, मूली की पूसा चेतकी, लोबिया की पूसा कोमल, भिंडी की पूसा ए – 4, सेम की पूसा से 2, पूसा सेम 3, पालक की पूसा भारती, चौलाई की पूसा लाल चौलाई, पूसा किरण आदि फसलों की बुवाई के लिए खेत तैयार हो तो बुवाई ऊंची मेड़ों पर कर सकते हैं. बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें.
ग्रसित पौधे नष्ट करेंमिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दें. प्रकोप अधिक हो तो इमिडाक्लोप्रिड 0.3 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव आसमान साफ होने पर करें.
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FIRST PUBLISHED : August 30, 2024, 14:59 IST