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‘पार्टी और ग्लैमर नहीं…’,करण जौहर को लेकर क्या बोले बाबिल खान? बॉलीवुड में स्ट्रगल को लेकर कही ऐसी बात

नई दिल्ली : इरफान खान जैसे लाजवाब एक्टर के बेटे होने के बावजूद, बाबिल खान ने कभी ये नहीं माना कि फिल्म इंडस्ट्री में उनका रास्ता आसान है. उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलकर कहा कि वो पहले बॉलीवुड पार्टियों में जाया करते थे, लेकिन अब उन्हें लगता है कि उन पार्टियों से किसी को काम नहीं मिलता. उनके मुताबिक, ऑडिशन ही वो जगह है जहां एक एक्टर खुद को साबित करता है. उन्होंने ये भी बताया कि अब तक उन्होंने करण जौहर से सिर्फ एक बार मुलाकात की है और वो भी बस थोड़ी देर के लिए.

बाबिल कहते हैं कि उनके पिता का नाम बहुत बड़ा है, लेकिन उससे उन्हें काम मिलने की कोई गारंटी नहीं है. वो साफ-साफ कहते हैं कि उन्होंने कभी ये नहीं कहा कि उन्हें काम नहीं मिल रहा. लोग अक्सर मान लेते हैं कि स्टार किड्स को बिना मेहनत के मौके मिल जाते हैं, लेकिन बाबिल इस बात का खंडन करते हैं. उनका फोकस शिकायत करने पर नहीं, बल्कि सीखने और मेहनत करने पर है. उनका मानना है कि हर एक्टर को अपना रास्ता खुद बनाना होता है, चाहे वो किसी का बेटा ही क्यों न हो.

ऑडिशन देना एक मौका है

बाबिल ऑडिशन देने को एक चैलेंज नहीं, बल्कि एक मौका मानते हैं. वो कहते हैं कि हर ऑडिशन उन्हें अपनी एक्टिंग को निखारने का मौका देता है. वो इस प्रोसेस को एंजॉय करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें सीखने को मिलता है. उनका मानना है कि कड़ी मेहनत, लगन और ईमानदारी से किया गया काम ही एक एक्टर को पहचान दिला सकता है, ना कि ग्लैमर या पार्टीज.

मैं बहुत अच्छा दोस्त नहीं हूं, इसलिए अकेला लगता हूं

Lallantop को दिए गए इंटरव्जयू में जब उनसे पूछा गया कि उनके इंडस्ट्री में ज्यादा दोस्त क्यों नहीं हैं, तो बाबिल ने बहुत ईमानदारी से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वो खुद को अच्छा दोस्त नहीं मानते क्योंकि वो लोगों को समय पर जवाब नहीं दे पाते. वो कहते हैं कि स्कूल के समय में वो बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे, क्योंकि वो लोगों से मिलते-जुलते रहते थे. लेकिन अब, जब जिंदगी में दौड़भाग ज्यादा है, तो पुराने रिश्तों को निभा पाना मुश्किल हो गया है. इसी वजह से वो आजकल ज्यादातर अकेले रहते हैं और ज्यादा लोगों से जुड़ नहीं पाते.

बॉलीवुड पार्टीज को लेकर बाबिल का नजरिया बाकियों से अलग है. उनका कहना है कि वो वहां नेटवर्किंग या काम मांगने नहीं जाते, बल्कि ऐसे लोगों से मिलने जाते हैं जिनसे कुछ सीख सकें. जैसे करण जौहर – जिनसे वो ये जानना चाहते थे कि उन्होंने खुद को उस इंडस्ट्री में कैसे जगह दिलाई, जो अक्सर अलग तरह के लोगों को अपनाने में वक्त लेती है. उन्होंने कहा कि उनके पिता इरफान खान भी इस इंडस्ट्री में कई बार रिजेक्शन और ह्यूमिलिएशन का सामना कर चुके हैं, क्योंकि वो ‘फिट-इन’ नहीं करते थे.

करण से मुलाकात, और फिर भी दूरी

बाबिल ने ये भी बताया कि उन्होंने करण जौहर से एक बार मुलाकात की थी, और वो बहुत ही सादगी से मिले. उन्होंने बाबिल की फिल्म पर बात की, उन्हें गले भी लगाया. लेकिन बाबिल ने ये भी कहा कि करण जौहर काफी बिजी इंसान हैं, और वो बार-बार उन पर ध्यान देने का दबाव नहीं डाल सकते. फिर भी, बाबिल का इरादा है कि वो दोबारा कोशिश करेंगे. उनका मकसद सिर्फ काम मांगना नहीं, बल्कि समझना है कि ये लोग कैसे सोचते हैं, कैसे काम करते हैं और अपने करियर को कैसे बढ़ाते हैं. उन्होंने आगे ये भी कहा कि करण जौहर सर बहुत फनी है, मैं उनसे बहुत कुछ सीखना चाहता हूं.

बाबिल खान की बातों से साफ है कि वो ग्लैमर की दुनिया में भटकने के बजाय, अपने रास्ते को खुद खोज रहे हैं. वो सीखना चाहते हैं, मेहनत करना चाहते हैं और हर मौके का इस्तेमाल अपनी कला को बेहतर बनाने में करना चाहते हैं. उनके लिए असली स्टारडम लोगों को समझना और खुद को निखारना है – यही सोच उन्हें दूसरों से अलग बनाती है.

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