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रूस-यूक्रेन जंग: जाते-जाते ये क्या कर गए बाइडन, पुतिन के साथ ट्रंप की भी बढ़ाए गए टेंशन, जेलेंस्की बजाएंगे ताली

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जाते-जाते एक ऐसा फैसा लिया है, जिससे यूक्रेन-रूस-जंग की आग और भड़क सकती है. रूस-यूक्रेन जंग में अमेरिका ने अपनी नीति में बड़ा बदलाव किया है. जो बाइडन ने जेलेंस्की को रूस पर हमला करने के लिए खुली छूट दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए अमेरिका की ओर से दी गयी लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल को पहली बार अनुमति दी. जो बाइडन की ओर से लिया गया यह निर्णय अमेरिका की नीति में एक बड़ा बदलाव है.

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब मौजूदा राष्ट्रपति बाइडन का कार्यकाल खत्म होने वाला है और राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप पहले ही यूक्रेन को दिये जाने वाले अमेरिकी समर्थन को सीमित करने और युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने की बात कह चुके हैं. सूत्र के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले के फैसले के समर्थन में उत्तर कोरिया ने हजारों सैनिकों को रूस भेजने का फैसला किया है, जिसके जवाब में संभवत: इन मिसाइलों का इस्तेमाल का निर्णय लिया गया है.

यह जानकारी इस फैसले से वाकिफ दो अमेरिकी अधिकारियों ने दी है. वहीं दूसरी तरफ खबर है कि उत्तर कोरियाई सैनिक रूस की मदद के लिए आगे आ गए हैं. दरअसल, रूस ने कुर्स्क में करीब 50,000 सैनिकों को तैनात किया है. यह दक्षिणी रूस का वो इलाका है, जहां यूक्रेन ने गर्मियों में अपने आश्चर्यजनक हमले किए थे. रूस अब अपने इलाके को वापस लेने की तैयारी कर रहा है. बाइडन ने जाते-जाते पुतिन और ट्रंप दोनों की टेंशन बढ़ा दी है. पुतिन अब काउंटर करने की तैयारी में जुट जाएंगे, वहीं ट्रंप चाहते थे कि कुर्सी पर बैठने से पहले युद्ध वाला रायता खत्म हो जाए.

अमेरिका क्यों हुआ मजबूरसीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अभी के लिए इन हथियारों का इस्तेमाल मुख्य रूप से कुर्स्क में ही किया जाना है. अधिकारी ने बताया कि रूस वहां भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रहा है. वह चाहता है कि भविष्य में किसी भी तरह की शांति वार्ता में कुर्स्क को सौदेबाजी से दूर रखा जाए. अमेरिका ऐसा कतई नहीं चाहता. योजना यही है कि यूक्रेन को ज्यादा से ज्यादा समय तक कुर्स्क में बनाए रखा जाए. इस बीच रूस की मदद के लिए हजारों उत्तर कोरियाई सैनिक कुर्स्क पहुंच चुके हैं. इससे बाइडन और उनके सलाहकार चिंतित हैं कि युद्ध एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच सकता है.

फैसले में क्यों हुई देरीरूस के अंदर आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम यानी ATACMS के इस्तेमाल की इजाजत देने का फैसला महीनों से विचाराधीन था. अमेरिकी अधिकारी इस नई क्षमता को मंजूरी देने को लेकर बंटे हुए थे. कुछ को युद्ध बढ़ने की चिंता थी, तो कुछ को हथियारों के घटते भंडार की फिक्र थी. मगर अब अमेरिका ने इन हथियारों के इस्तेमाल की यूक्रेन को इजाजत दे दी है. अमेरिका ने युद्ध के पहले दो सालों तक यूक्रेन को ATACMS देने से भी इनकार कर दिया था. इसकी एक वजह तो यह थी कि इन शक्तिशाली मिसाइलों के उत्पादन में समय अधिक लगता है और जटिल घटकों की आवश्यकता होती है. मगर जो बाइडन ने फरवरी में यूक्रेन की सीमा के भीतर इस्तेमाल के लिए ATACMS मिसाइलें देने की चुपके से मंजूरी दे दी थी और अमेरिका ने अप्रैल में ये मिसाइलें मुहैया भी करा दी थीं.

जेलेंक्सी के विक्ट्री प्लान से बाइडन खुशहालांकि, यूक्रेन को रूसी क्षेत्र में इन हथियारों के इस्तेमाल की छूट अब तक नहीं थी. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की अमेरिका पर लगातार दबाव बना रहे थे कि वह रूस के अंदर भी इन हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दे. उनका कहना था कि युद्ध में बढ़त हासिल करने के लिए उन्हें इसकी जरूरत है. बैठक से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक, सितंबर में जब बाइडन और जेलेंस्की की आखिरी बार व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई थी, तो यूक्रेनी नेता रूस के अंदर उन ठिकानों की एक विस्तृत सूची लेकर आए थे, जिन पर यूक्रेन अमेरिका की ओर से मुहैया कराई गई लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला करना चाहता था.

जेलेंस्की ने गोल-मटोल दिया जवाबसूत्रों की मानें तो यह लिस्ट रूस के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए जेलेंस्की का विक्ट्र्री प्लान का हिस्सा था. बाइडन ने अब तक यूक्रेनियन सेना को रूस में अंदरूनी इलाकों में हमलों के लिए मिसाइल सिस्टम तैनात करने से रोका हुआ था. अमेरिका से मिली इस मंजूरी पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने गोल-गोल घुमाकर जवाब दिया है कि मिसाइलें खुद अपनी बातें कहेंगी. ऐसी चीजों की घोषणा करने की जरूरत नहीं होती है.

रूस ने तो पहले ही चेता दिया हैबहरहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के इस फैसले से युद्ध की आग और भड़क सकती है. इसके संकेत पुतिन पहले ही दे चुके हैं. सितंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी थी कि अगर रूस पर पारंपरिक मिसाइलों से हमला किया गया तो वो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. पुतिन ने कहा था कि मॉस्को, किसी भी परमाणु शक्ति की ओर समर्थित हमले को संयुक्त हमला मानेगा. यह बयान क्रेमलिन का उस समय अमेरिका और ब्रिटेन में चल रही बातचीत का जवाब था, जब ये चर्चा हो रही थी कि यूक्रेन को रूस में पारंपरिक पश्चिमी मिसाइलें दागने की अनुमति दी जाए या नहीं.

Tags: Joe Biden, Russia News, Russia ukraine war, Ukraine war, Volodymyr Zelensky

FIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 06:53 IST

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