Business

आराम से जिंदगी जीने के लिए कितना पैसा जरूरी? कपिल शर्मा के सवाल पर क्या बोले Paytm के बॉस

Last Updated:August 18, 2025, 14:16 IST

आराम से जिंदगी जीने के लिए कितना पैसा जरूरी है? इस सवाल का जवाब Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने कपिल शर्मा के शो में दिया. कपिल शर्मा ने विजय से पूछा कि एक आम आदमी को आराम से जिंदगी जीने के लिए कितने पैसे की जरूरत होती है. इस पर विजय ने क्‍या कहा, जान‍ियेआराम से जिंदगी जीने के लिए कितना पैसा जरूरी है? Paytm के बॉस ने बताया

नई द‍िल्‍ली: वैसे ये बात सच है क‍ि आप चाहे ज‍ितनी सैलरी पाएं, वो कम ही लगती है. आपको भी ऐसा महसूस होता होगा. लेक‍िन क्‍या आप जानते हैं क‍ि वास्‍तव में एक अच्‍छी ज‍िंदगी ज‍ीने के ल‍िए क‍ितना पैसा काफी है? खुश रहने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है. लोकतंत्र में, किसी व्यक्ति के खुश रहने के अधिकार पर कोई सीमा नहीं लगाई जा सकती. ज्यादातर लोगों के लिए पैसे का इसमें महत्वपूर्ण योगदान होता है.

पिछले हफ्ते प्रकाशित एक नए सर्वे में 2,000 से अधिक अमेरिकी वयस्कों से पूछा गया कि उन्हें खुश रहने के लिए बैंक में कितने पैसे चाहिए. औसत अमेरिकी का मानना है कि $1.2 मिलियन (लगभग 10 करोड़ रुपये) पर्याप्त हैं. यह वह राशि है जिससे आप अपने शौक पूरे कर सकते हैं और रोजमर्रा की चिंताओं से मुक्त रह सकते हैं. आपको 9 से 6 की नौकरी करने की जरूरत नहीं होगी और आप वह कर सकते हैं जो आपको पसंद है. इसका मतलब यह भी है कि आपको मासिक बिलों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी या अपनी इच्छाओं पर अधिक खर्च करने की चिंता नहीं होगी.

अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी Empower के सर्वे में पाया गया कि 10 में से 6 अमेरिकी मानते हैं कि पैसा खुशी खरीद सकता है. इनमें से ज्यादातर मिलेनियल्स और जेन जेड के लोग हैं, यानी 80 के दशक और उसके बाद जन्मे लोग। उनके लिए इस राशि का विचार अलग-अलग है.

युवा पीढ़ी को लगता है कि उन्हें अधिक पैसे की जरूरत है, जबकि बड़े लोग कम में ही खुश हैं. यह मुद्रास्फीति की धारणा का स्वाभाविक परिणाम है. युवा वर्तमान स्थिति को देखते हैं और मुद्रास्फीति से डरते हैं. अगर औसत अमेरिकी उस पैसे से खुश हो सकता है, तो भारत में रहने वाले लोग उस राशि (10 करोड़ रुपये) से और भी अधिक खुश हो सकते हैं या उससे कम में भी खुश रह सकते हैं. भारत के किसी शहर में रहने की लागत आपके अमेरिकी समकक्ष की तुलना में बहुत कम है. उदाहरण के लिए, भारत में घर के बाहर नाश्ते की औसत लागत अमेरिकी शहर की तुलना में बहुत कम है. यह स्पष्ट है कि भारत में किसी भी उपभोक्ता वस्तु का निर्माण लागत अमीर देशों की तुलना में कम है.

खुशी केवल आपकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने तक सीमित नहीं है. इसमें वे चीजें भी शामिल हैं जो जीवन में आराम लाती हैं. विदेशों में बहुत से लोग बेहतर जीवन स्तर के लिए प्रवास करते हैं. पश्चिमी यूरोप या स्कैंडिनेविया जैसे देशों में, आप अपने कामकाजी वर्षों में अपनी आय का आधा हिस्सा कर के रूप में देते हैं. हालांकि, सरकार आपको सेवानिवृत्ति पर एक सार्वभौमिक बुनियादी आय और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है.

क‍ितना पैसा काफी है? नेटफ्ल‍िक्‍स पर आ रहे द कप‍िल शर्मा शो में कप‍िल शर्मा ने यही सवाल Paytm के सीईओ व‍िजय शेखर शर्मा से पूछा. व‍िजय शेखर शर्मा ने इसका क्‍या जवाब द‍िया, यहां जानें :

View this post on Instagram

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj