परमाणु मिसाइलों के साथ ये क्या करने लगे व्लादिमीर पुतिन, दुनिया में मची खलबली, न्यूक्लियर अटैक की प्रैक्टिस शुरू
मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद मॉस्को ने अपने परमाणु मिसाइलों की टेस्टिंग शुरू कर दी है, जिससे पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है. रूस अपने सभी बड़े हथियारों को परख रहा है, ताकि न्यूक्लियर अटैक की स्थिति में खुद की हिफाजत की जा सके. इसमें कोई शक नहीं है कि पुतिन इसके जरिए अमेरिका सहित उन सभी पश्चिमी देशों को चेतावनी दे रहे हैं, जो यूक्रेन की मदद में लगे हैं. यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को देश के परमाणु बलों को मिसाइल प्रक्षेपण समेत बड़े स्तर अभ्यास शुरू करने का आदेश दिया.
शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पुतिन ने कहा कि इस एक्सरसाइज में परमाणु ताकत से लैस बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की लॉन्चिंग का अभ्यास शामिल होगा. यूक्रेन के लिए पश्चिमी देशों के बढ़ते समर्थन के मद्देनजर कई बार परमाणु शक्ति का उल्लेख करने वाले पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि रूस का परमाणु हथियारों का जखीरा “देश की संप्रभुता और सुरक्षा की विश्वसनीय गारंटी” बना हुआ है. उन्होंने कहा, “बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों और उभरते नए खतरों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, हमारे लिए आधुनिक रणनीतिक बलों का होना बेहद अहम है जो हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहें.”
पुतिन ने दोहराया कि रूस परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को “अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अंतिम उपाय” मानता है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार के अभ्यास के हिस्से के रूप में, सेना ने कामचटका प्रायद्वीप पर कुरा टेस्टिंग रेंज में प्लेसेत्स्क लॉन्च पैड से यार्स इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) की टेस्टिंग की. नोवोमोस्कोव्स्क और कनीज़ ओलेग परमाणु पनडुब्बियों ने बैरेंट्स सागर और ओखोटस्क सागर से आईसीबीएम का परीक्षण किया, जबकि परमाणु-सक्षम टीयू-95 स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स ने लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों का अभ्यास प्रक्षेपण किया.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि सभी मिसाइलों ने अपने टारगेट को ध्वस्त कर दिया. पिछले महीने, रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और नाटो सहयोगियों को चेतावनी दी थी कि यदि यूक्रेन को पश्चिमी देशों की तरफ से दिए गए लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग रूस के भीतर गहरे हमलों के लिए किया गया, तो यह मान लिया जाएगा कि नाटो ने रूस के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है.
पुतिन ने एक नए न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन की घोषणा की, जिसमें कहा गया है कि यदि रूस पर किसी गैर-न्यूक्लियर देश द्वारा हमला किया जाता है और उसे किसी न्यूक्लियर शक्ति का समर्थन हासिल है, तो इसे रूस पर दोनों देशों की तरफ से हमला माना जाएगा. रूस का यह ऐलान सीधे तौर पर अमेरिका और कीव के अन्य सहयोगियों के लिए एक चेतावनी थी.
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 23:30 IST