हरियाणा में ये क्या हुआ… BJP और कांग्रेस ने मिलकर किसका काम किया तमाम? अब केवल किंग होगा, किंगमेकर नहीं
चंडीगढ़. हरियाणा में कौन सरकार बनाएगा ये तो साफ हो चुका है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला है. सुबह 9.30 बजे तक के रुझानों में कांग्रेस आगे चल रही थी जो 10 बजे के बाद पूरी तरह से पलट गए. 10.30 बजे तक के रुझानों में 48 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है और वहीं कांग्रेस 34 सीटों पर आगे चल रही है. इस बार हरियाणा में सीधी जंग कांग्रेस और बीजेपी की है. इन नतीजों से साफ है कि निर्दलीय इस बार किंगमेकर नहीं बनेंगे.
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में शुरुआती रुझानों में कड़ी टक्कर के बाद भाजपा आगे चल रही है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, अगर ऐसा रहता बीजेपी को छह सीटों का फायदा हो रहा है. वहीं कांग्रेस को 7 का फायदा हो रहा है. वहीं अन्य को 12 सीटों को नुकसान हो रहा है. आईएनएलडी और बीएसपी को एक सीट मिलने का रुझान है. वहीं अन्य को 5 सीटें मिलने का अनुमान है. आम आदमी पार्टी और बीजेपी की पूर्व सहयोगी जेजेपी का खाता भी नहीं खुल रहा है. दोनों दलों के संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार – भाजपा के नायब सिंह सैनी तथा कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा – अपनी-अपनी सीटों पर ठीक-ठाक मतों से आगे चल रहे हैं.
कितना फीसदी वोट मिलने की उम्मीद सुबह साढ़े 10 बजे तक के रुझाानलों में बीजेपी को 38.80 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. वहीं 40.79 फीसदी वोट मिल सकते हैं. आप को 1.62 फीसदी, बीएसपी को 1.65, आईएनएलडी को 4.66 फीसदी और नोटा को 0.38 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है. आपको बता दें कि कई एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की है, जहां 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ. हालांकि, भाजपा ने दावा किया है कि वह हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटेगी.
क्या तीसरी बार बीजेपी करेगी वापसी?भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस हरियाणा में वापसी की भविष्यवाणी कर रही है. 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतगणना सभी 22 जिलों में 93 मतगणना केंद्रों पर चल रही है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि बादशाहपुर, गुरुग्राम तथा पटौदी विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि शेष 87 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक-एक मतगणना केंद्र बनाया गया है. मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 90 मतगणना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की गई है. अग्रवाल ने बताया कि सभी मतगणना केंद्रों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 30 कंपनियां तैनात की गई हैं, जिन्हें तीन स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है.
कैसे हो रही मतगणनासबसे भीतरी सुरक्षा घेरे में केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. इसके बाद सबसे बाहरी घेरे में राज्य सशस्त्र पुलिस और जिला पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. करीब 12,000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं. उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में पर्याप्त चौकियां बनाई गई हैं. सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) रखने की जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन क्षेत्रों में अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक रहेगी. इसके अलावा, व्यापक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए मतगणना केंद्रों के मुख्य प्रवेश द्वार और पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रत्येक चरण की मतगणना की सटीक जानकारी समय पर अपलोड की जाएगी.
एग्जिट पोल में हुई क्या भविष्यवाणी?5 अक्टूबर को हुए चुनाव में कुल 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ था. सबसे अधिक 75.36 प्रतिशत मतदान सिरसा जिले में और सबसे कम 56.49 प्रतिशत मतदान फरीदाबाद जिले में हुआ था. निर्वाचन क्षेत्र के हिसाब से सबसे अधिक 80.61 प्रतिशत मतदान ऐलनाबाद में और सबसे कम 48.27 प्रतिशत मतदान बड़खल में हुआ था. अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि 10 साल तक विपक्ष में रहने के बाद कांग्रेस हरियाणा में भाजपा से सत्ता छीन लेगी. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में जोरदार प्रचार करने वाली कांग्रेस को 90 सदस्यीय विधानसभा में 49-55 सीटें मिलने का अनुमान है.
बहुमत से सरकार बनाएंगे: सैनी
हालांकि, लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक जीत की भविष्यवाणी करते हुए मुख्यमंत्री और लाडवा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार नायब सिंह सैनी ने कहा कि उन्हें किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे अपने दम पर सरकार बना लेंगे. इसके अलावा, दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र हुड्डा, जो मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं, ने विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में “प्रचंड बहुमत” के साथ सरकार बनाएगी.
कई सीटों पर मुकाबला दिलचस्प
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप), जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) भी मैदान में हैं. कई निर्दलीय उम्मीदवारों, जिनमें से ज़्यादातर भाजपा के बागी हैं, ने कई सीटों पर मुकाबला बहुकोणीय बना दिया है. अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 36.49 प्रतिशत था, जब पार्टी 90 सदस्यीय विधानसभा में आधे से ज़्यादा सीटें नहीं जीत पाई थी और उसने जेजेपी के साथ चुनाव के बाद गठबंधन कर लिया था.
कांग्रेस ने 2019 के संसदीय चुनाव के वोट शेयर की तुलना में 2024 में अपने वोट शेयर में 15 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की.
Tags: Haryana election 2024, Haryana news
FIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 11:27 IST