what happens when you change your smartphone wallpaper affect on mobile battery or not know truth- फोन का वालपेपर बदलने से भी पड़ता है बैटरी पर असर? जानें अलग-अलग स्क्रीन कितनी करती है खपत, कैसे करें बचत

Last Updated:December 08, 2025, 13:36 IST
जानें कि मोबाइल वॉलपेपर बदलने से बैटरी पर क्या असर पड़ता है। स्टेटिक, डार्क, लाइव और एनिमेटेड वॉलपेपर के फायदे और नुकसान, AMOLED और LCD स्क्रीन में फर्क, और बैटरी बचाने के टिप्स.
स्मार्टफोन इस्तेमाल करते समय हम सबसे ज्यादा जिस चीज़ पर ध्यान देते हैं वह है फोन की स्क्रीन. स्क्रीन पर दिखाई देने वाला वॉलपेपर फोन को आकर्षक बनाता है, लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि वॉलपेपर बदलने से बैटरी पर कोई असर पड़ता है या नहीं. यह सवाल आसान लग सकता है, लेकिन इसके पीछे स्क्रीन टेक्नोलॉजी, GPU का इस्तेमाल, कलर क्वालिटी और एनिमेशन जैसे कई तकनीकी पहलू होते हैं.

स्टेटिक यानी फोटो वाला वॉलपेपर सिर्फ स्क्रीन पर दिखाई देता है. वह हर समय कोई नया काम नहीं करता, GPU उसे बार-बार प्रोसेस नहीं करता, इसलिए इसका बैटरी पर प्रभाव बहुत कम होता है. ऐसे वॉलपेपर इस्तेमाल करने से बैटरी पर सीधा असर नहीं पड़ता. इस दौरान बैटरी स्क्रीन की ब्राइटनेस और ऐप्स के इस्तेमाल से घटती है, वॉलपेपर से नहीं.

लाइव और एनिमेटेड वॉलपेपर बैटरी के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं. लाइव वॉलपेपर यानी हलचल वाले, एनिमेटेड या 3D ग्राफिक्स वाले बैकग्राउंड भले ही आकर्षक हों, लेकिन ये बैटरी का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. लाइव वॉलपेपर में स्क्रीन पर लगातार फ्रेम्स रेंडर होती रहती हैं. GPU और CPU लगातार एक्टिव रहते हैं. कुछ में सेंसर्स का इस्तेमाल भी होता है और एनिमेशन के कारण RAM का इस्तेमाल भी बढ़ जाता है. इससे बैटरी 10% से 25% तक अधिक खर्च हो सकती है, खासकर 90Hz या 120Hz जैसी हाई फ्रेश रेट स्क्रीन वाले फोन में.
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LCD और OLED या AMOLED, ये दोनों टेक्नोलॉजी में बड़ा अंतर है. OLED में हर पिक्सल खुद से रोशनी देता है. इसलिए काले रंग में वे पिक्सल पूरी तरह से बंद रहता है, यानी शून्य बिजली इस्तेमाल करता है. अगर काले या गहरे रंग का वॉलपेपर इस्तेमाल किया जाए, तो कई पिक्सल बंद रहते हैं और पावर का इस्तेमाल वास्तव में कम हो जाता है. बैटरी लाइफ में सुधार होता है.

इसलिए AMOLED डिस्प्ले वाले फोन में डार्क मोड और काले वॉलपेपर को ज्यादा बैटरी-सेविंग माना जाता है. इसके उलट, सफेद या बहुत ब्राइट वॉलपेपर में सभी पिक्सल पूरी क्षमता से चलते हैं, जिससे बैटरी ज्यादा खर्च होती है.

LCD स्क्रीन में वॉलपेपर का ज्यादा असर नहीं पड़ता. LCD स्क्रीन में एक बैकलाइट होती है जो हमेशा चालू रहती है. इसलिए स्क्रीन पर काला रंग हो या सफेद रंग, बैकलाइट बंद नहीं होती. काले वॉलपेपर और सफेद वॉलपेपर बैटरी लगभग समान ही खर्च करते हैं. अंतर बहुत कम होता है, इसलिए LCD फोन इस्तेमाल करने वालों को वॉलपेपर के कारण बैटरी की चिंता करने की जरूरत नहीं है.

हाई-रेजोलूशन वॉलपेपर का थोड़ा असर हो सकता है. बहुत बड़ा या HDR, भारी ग्रेडिएंट वाला वॉलपेपर लगाने पर GPU पर थोड़ा ज्यादा लोड पड़ सकता है. यह असर ज्यादा नहीं होता, लेकिन पुराने या लो-एंड फोन में थोड़ा फर्क महसूस हो सकता है.

आसान भाषा में कहा जाए तो मोबाइल का वॉलपेपर बदलने से बैटरी पर असर पड़ता है, लेकिन यह असर वॉलपेपर के प्रकार और स्क्रीन की टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है. स्टेटिक वॉलपेपर का बैटरी पर बहुत कम प्रभाव होता है. <span style=”color: currentcolor;”>डार्क वॉलपेपर बैटरी बचाने में मदद करते हैं, जबकि लाइट वॉलपेपर थोड़ा ज्यादा पावर लेते हैं. LCD स्क्रीन में किसी भी वॉलपेपर का खास असर नहीं होता. वहीं, लाइव या एनिमेटेड वॉलपेपर सबसे ज्यादा बैटरी खर्च करते हैं. </span>
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December 08, 2025, 13:36 IST
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फोन का वालपेपर बदलने से भी पड़ता है बैटरी पर असर? स्क्रीन कितनी करती है खपत



