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क्या है नोएडा का प्रोजेक्ट ‘लोटस 300’, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया आदेश, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था ED जांच हो

नोएडा. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में स्थित लग्जरी आवासीय परियोजना ‘लोटस 300’ से जुड़े वित्तीय लेनदेन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी है. जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन पीठ ने मंगलवार को यह आदेश पारित किया.

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 29 फरवरी को नोएडा के सेक्टर-107 में अधूरी आवासीय परियोजना लोटस 300 से जुड़ी कथित वित्तीय अनियमितताओं की ईडी जांच का आदेश दिया था. यह जमीन हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) को लोटस 300 परियोजना विकसित करने के लिए आवंटित की गई थी. एचपीपीएल कई कंपनियों का एक गठजोड़ है जिसमें पेबल्स इन्फ्रोटेक की अग्रणी भूमिका है.

हाईकोर्ट ने इस मामले में ‘घोर लापरवाही’ के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण को फटकार लगाई थी. उसे एक दशक से अधिक समय से अपने बकाये के भुगतान की स्थिति का पता लगाने या कोई कदम उठाने में फटकार लगाई थी. उसका बकाया बढ़कर 29 फरवरी तक लगभग 166 करोड़ रुपये था.

इस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘अगले आदेश तक पैराग्राफ 114 में निहित हाईकोर्ट के निर्देश पर अंतरिम रोक रहेगी. हालांकि सभी पक्षों को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि पैराग्राफ 117 में दिए हाईकोर्ट के निर्देश का समय के भीतर विधिवत पालन हो.’

हाईकोर्ट के आदेश का पैराग्राफ 114 सभी निदेशकों, प्रवर्तकों, नामित प्रवर्तक, कर्ज भुगतान में चूक करने वाले अधिकारी और एचपीपीएल का पैसा जिन कंपनियों या संस्थाओं में भेजा गया, उनके खिलाफ ईडी जांच कराने से संबंधित था. अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था, “ईडी उक्त राशि की वसूली और सभी लेनदारों के बकाये का भुगतान करने के लिए ईमानदार प्रयास करेगा.”

वहीं आदेश के पैराग्राफ 117 में नोएडा प्राधिकरण को कब्जा प्रमाणपत्र (ओसी) या आंशिक-पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने और एक महीने के भीतर फ्लैट खरीदारों के पक्ष में त्रिपक्षीय समझौता और पंजीकृत बैनामा करने का निर्देश दिया गया था.

Tags: Allahabad high court, Noida Authority, Supreme Court

FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 23:45 IST

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