पाकिस्तान पर तिहरा प्रहार! बिना हथियार चलाए खून के आंसू रो रहा पड़ोसी, क्या है मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक

Last Updated:April 29, 2025, 11:43 IST
India vs Pakistan : पाकिस्तान ने पहलगाम में आतंकी हमला कराया और अब भारत उस पर शिकंजा कसता जा रहा है. भारत ने 3 तरफ से पाकिस्तान को घेरना शुरू कर दिया है और विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इस कदम से पड़ोसी द…और पढ़ें
भारत ने पाकिस्तान से सभी तरह के व्यापार भी रोक दिए हैं.
हाइलाइट्स
भारत ने पाकिस्तान पर तीन तरफ से प्रहार किया.इंडस जल समझौता रद्द कर भारत ने पाकिस्तान को तगड़ी चोट दी.भारत ने पाकिस्तान को फर्टिलाइजर्स की सप्लाई भी रोक दी.
नई दिल्ली. पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद भारत सहित पूरी दुनिया को यही लगा था कि भारत अब कोई सैन्य कार्रवाई करेगा. खुद पाकिस्तान भी इसी उम्मीद में था कि भारतीय सेना उसके खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल करेगी. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारत सरकार ने इन सभी सोच से परे अपना मास्टर स्ट्रोक खेला और बिना हथियार के ही पाकिस्तान पर तीन तरफ से प्रहार कर दिया. इसका असर करोड़ों पाकिस्तानियों के साथ वहां की अर्थव्यवस्था, खेती, बिजली, अनाज, फर्टिलाइजर्स और मेडिकल सेक्टर पर दिख रहा है.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में डिप्लोमेसी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैप्पीमून जैकब का कहना है कि इंडस जल समझौता रद्द करके भारत ने पाकिस्तान को तगड़ी चोट दी है. यह बहुत ही चालाकी भरा कदम है, क्योंकि इस जल का 80 फीसदी इस्तेमाल पाकिस्तान ही करता है. इसके अलावा भारत ने किसी भी तरह का द्विपक्षीय व्यापार भी रोक दिया है, जो पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है. भारत के फैसलों का पाकिस्तान पर 3 तरह से व्यापक असर देखा जा रहा है.
खेती है पाकिस्तान की लाइफ लाइनखेती पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो उसकी जीडीपी में 20 फीसदी योगदान देती है और 38 फीसदी रोजगार भी इसी सेक्टर से आता है. पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती और 33 फीसदी से ज्यादा हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट यानी बिजली परियोजनाएं इंडस नदी के जल पर ही निर्भर करती है. हालांकि, भारत तत्काल इस पानी को नहीं रोक सकता है, लेकिन पानी का बहाव जरूर कम कर सकता है. इसका तत्काल असर पंजाब और सिंध प्रांत की खेती पर दिखेगा, जो गेहूं, चावल, कपास और गन्ने की खती का प्रमुख क्षेत्र है. अमेरिकी विभाग की आंकड़ों की मानें तो पंजाब प्रांत अकेले ही पाकिस्तान के कुल गेहूं उत्पादन का 77 फीसदी पैदा करता है, जबकि सिंध प्रांत से 15 फीसदी गेहूं आता है. खैबरपख्तूनख्वा से 5 फीसदी और बलूचिस्तान से 3.5 फीसदी गेहूं पैदा होता है. जाहिर है कि सिंधु नदी का पानी रोके जाने से गेहूं उत्पादन पर बड़ा असर पड़ सकता है. पाकिस्तान में पहले से ही खाद्य कीमतें आसमान पर हैं और पैदावार घटने से उसकी मुसीबत निश्चित रूप से बढ़ जाएगी.
हेल्थ सेक्टर पर सीधी चोटभारत के द्विपक्षीय कारोबार बंद करने के बाद पाकिस्तान में हेल्थ सेक्टर दबाव में आ गया है. पाकिस्तान अभी दवाओं के रॉ मैटेरियल के लिए 40 फीसदी तक भारत पर निर्भर है. कैंसर, हार्ट डिसीस, डायबिटीज और एंटीबायोटिक्स जैसी जरूरी दवाओं के लिए भी पाकिस्तान भारत पर ही निर्भर करता है. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की ड्रग रेगुलेटर अथॉरिटी ने भी चीन, रूस और यूरोपीय देशों में इसका विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है.
फर्टिलाइजर्स नहीं तो खेती कैसेभारत लंबे समय से पाकिस्तान को डीएपी और यूरिया की सप्लाई करता है. भारत ने इसकी सप्लाई भी रोक दी है और फर्टिलाइजर्स की कमी की वजह से पाकिस्तान के फसल उत्पादन पर असर पड़ेगा. इसका मतलब है कि पाकिस्तान को अब खाड़ी देशों, चीन या मध्य एशिया से महंगी कीमत पर फर्टिलाइजर्स का आयात करना पड़ेगा. कुल मिलाकर देखा जाए तो पाकिस्तान को अब अनाज संकट से गुजरना पड़ सकता है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 29, 2025, 11:43 IST
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