क्या है वो ‘लाल दवा’ का राज, जिसे याद कर खुश हुए सीएम भजनलाल शर्मा, बताया- जब सरपंच थे तो क्या करते थे…
जयपुर : आप ये तो जानते होंगे कि राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बनने के पहले अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों में सरपंच थे. सरपंच रहते वे गांव के समस्याओं पर तो ध्यान देते ही थे, लेकिन उनका फोकस सबसे ज्यादा हेल्थ इश्यूज पर था. न्यूज़ 18 के साथ खास मुलाकात और चर्चा में सीएम भजनलाल ने अपने उन दिनों को याद किया. सरपंच के दोनों कार्यकाल को याद करते हुए भजनलाल शर्मा ने कहा कि उनका खास फोकस लोगों के स्वास्थ्य पर रहता था. उन्होंने खास तौर पर लाल दवाई का जिक्र किया, जिससे लोगों को बहुत फायदा हुआ था.
लगवाया करते थे हेल्थ कैंपराजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि उन दिनों स्वास्थ्य सेवाओं की अपनी सीमाएं हुआ करती थी और गांव तक इसकी बहुत पहुंच नहीं हुआ करती थी. इसलिए वे गांव के लोगों के स्वास्थ्य के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर हेल्थ कैंप लगवाया करते थे. भजनलाल शर्मा का कहना है कि वे गांव के बुजुर्गों की आंख के इलाज के लिए विशेष तौर पर भी आई चैकअप कैंप लगवाया करते थे. बुजुर्गों की आंखों के चैकअप और इलाज के बाद उनके आंखों की रोशनी बेहतर हो जाती थी और यह उनके लिए एक बहुत ही संतोषप्रद होता था.
बताया लाल दवा का राजन्यूज़ 18 संवाददाता के साथ बातचीत में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि उन दिनों हेल्थ कैंप में एक दवा मरीजों को दी जाती थी, वह लाल दवाई के नाम से काफी प्रसिद्ध थी. उनका कहना है कि डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने अपने गांव और आसपास के गांव के कई मरीजों को लाल दवा उपलब्ध करवाई थी.
आयुष्मान योजना एक वरदान की तरहभजनलाल शर्मा का कहना है कि हालिया दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू की गई आयुष्मान योजना काफी महत्वपूर्ण है. यह देशवासियों के लिए खास तौर पर ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से काम नहीं है. उन्होंने बताया कि अपने सरपंच के कार्यकाल में लोगों के इलाज के लिए उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य कैंप लगवाएं थे, लेकिन आयुष्मान योजना के कारण अब लोगों को पहले से ज्यादा सुविधा मिल रही है.
क्या है ये लाल दवादरअसल, पोटैशियम परमैंगनेट को लाल दवा कहा जाता है. यह एक एंटीसेप्टिक दवा है, जिसके कई फ़ायदे हैं. लाल दवा को पानी में घोलने पर हल्के गुलाबी रंग का घोल बनता है, इसलिए इसे लाल दवा कहते हैं. इसका इस्तेमाल घावों को साफ करने और इलाज करने के लिए किया जाता है. यह त्वचा की समस्याओं जैसे डर्मेटाइटिस, एक्ज़िमा, चकत्ते, और दाद के इलाज में मदद करती है. यह खुजली से राहत देती है और घाव भरने में मदद करती है. इसका इस्तेमाल यीस्ट संक्रमण, वुल्वोवैजिनाइटिस, और योनिशोथ के इलाज के लिए भी किया जाता है. यह पानी को शुद्ध करने में भी मदद करती है. इसका इस्तेमाल बवासीर के इलाज के लिए भी किया जाता है. यही नहीं, यह दवा विशेषकर पशुओं के थन, उनके खुर आदि को धोने के काम भी आती है.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 11:41 IST