क्या है इनकम टैक्स का टाई-ब्रेकर नियम, 9.6 हजार कमाने वाले से वसूल लिए 43.5 लाख, जानकर उड़ जाएंगे होश

नई दिल्ली. इनकम टैक्स के नियम काफी पेचीदे हैं. यह बात तो आप भी भली-भांति जानते होंगे, लेकिन शायद मुंबई के रहने वाले एक करदाता को इसका इल्म नहीं था. उन्होंने इनकम टैक्स विभाग को बताया कि उनकी कुल आमदनी महज 9.6 हजार रुपये है. जाहिर है कि इस कमाई पर कोई भी टैक्स नहीं लगना चाहिए था. लेकिन, जब इनकम टैक्स विभाग ने अपने खास नियम टाई-ब्रेकर को लागू किया तो करदाता के होश उड़ गए. आखिरकार उसे इनकम टैक्स के रूप में 43.5 लाख रुपये चुकाने पड़े.
जी, बिलकुल सही पढ़ा आपने. करदाता ने विभाग की ओर से लगाए गए इस टैक्स को बाकायदा इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल में चैलेंस भी किया, लेकिन नियम तो आखिर नियम है. ट्रिब्यूनल ने भी इसे सही मानते हुए करदाता को पूरे 43.5 लाख रुपये का इनकम टैक्स चुकाने का आदेश दिया और उन्हें चुकाने भी पड़े. अब आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर यह टाई-ब्रेकर नियम है क्या जिसके लगते ही टैक्स की देनदारी सीधे लाखों में पहुंच गई.
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क्या है टाई-ब्रेकर टेस्टइनकम टैक्स कानून के तहत ऐसे नागरिक जो भारत और अमेरिका दोनों ही जगह टैक्स रेसिडेंट के तौर पर रजिस्टर्ड होते हैं, उन्हें इस तरह के टेस्ट से गुजरना पड़ता है. भारत-अमेरिका के बीच हुए एक करार के तहत ऐसे नागरिकों को टाई-ब्रेकर टेस्ट के तहत कर चुकाना पड़ता है. यह मामला वित्तवर्ष 2012-13 का है, जहां इनकम टैक्स विभाग ने 43.5 लाख रुपये का इनकम टैक्स मांगा था, जबकि करदाता ने भारत में अपनी कमाई सिर्फ 9,500 रुपये बताई थी.
क्या कहता है नियमटाई-ब्रेकर टेस्ट के तहत अगर कोई भारतीय नागरिक अमेरिका में कमाई करता है, तो उस कमाई पर फिलहाल भारत में कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा, लेकिन यह करदाता भारत में 180 दिन से ज्यादा का समय व्यतीत करता है तो उसे अमेरिका में हुई कमाई पर भारत में भी टैक्स देना पड़ेगा. बस टैक्स कानून का यही नियम इस करदाता पर भारी पड़ गया. यह टैक्स तब लागू होता है, जब किसी के पास दोहरी नागरिकता होती है.
क्यों भरना पड़ा टैक्सइस मामले में करदाता जो कि अमेरिका में रहकर कमाई करता है, उसने भारत में किसी एक वित्तवर्ष में 183 दिन से ज्यादा का समय बिताया. लिहाजा उस पर टाई ब्रेकर टेस्ट का नियम लागू होता है और उसे अमेरिका में की गई उस वित्तवर्ष की कुल कमाई पर भारत में भी टैक्स भरना पड़ा. करदाता ने इसे टैक्स वसूली को गलत बताया, जिस पर इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि वह भारत में न सिर्फ 183 दिन तक रहा है, बल्कि उसका परिवार मुंबई में रहता है और सिर्फ एक बेटी है जो अमेरिका में रहती है. लिहाजा उसे अमेरिका में की गई कमाई पर भारत में भी टैक्स चुकाना पड़ा.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 17:55 IST