जिसका डर था वही हुआ… 32 पेज की बुकलेट से मच गई सनसनी, अब रूस-यूक्रेन जंग की आग में जलेगा यूरोप!
कीव. रूस-यूक्रेन जंग के 1000 दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई हल अभी तक नजर नहीं आ रहा. उलटा ऐसा लग रहा है कि दो देशों के बीच शुरू हुआ यह युद्ध अब धीरे-धीरे यूरोप को अपनी जद में ले रहा है. नाटो के दो देश फिनलैंड और स्वीडन, जो कि रूसी सीमा से भी जुड़े हैं, ने अपनी सेनाओं को तैयार रहने के लिए कहा है. इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी जनता से भी कह दिया है कि कभी भी जंग की शुरुआत हो सकती है.
दरअसल, स्वीडन ने सोमवार को निवासियों को संभावित युद्ध के लिए तैयार करने के लिए लाखों पर्चे भेजने शुरू किए और फिनलैंड ने एक नई वेबसाइट लॉन्च की, जबकि यूक्रेन तीन साल से चल रहे रूसी आक्रमण से लड़ रहा है. रूस के 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, नॉर्डिक पड़ोसियों ने दशकों की मिलिट्री नॉन-एलाइनमेंट पॉलिसी को छोड़कर अमेरिका की अगुवाई वाले रक्षा गठबंधन नाटो में शामिल होने का फैसला किया है.
ब्रोशर भेजने वाले स्वीडिश सिविल कंटिंजेंसीज एजेंसी (एमएसबी) के डायरेक्टर मिकेल फ्रिसेल ने कहा, “सुरक्षा की स्थिति गंभीर है और हमें विभिन्न संकटों और अंततः युद्ध का सामना करने के लिए अपनी सहनशक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता है.” यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद से, स्टॉकहोम ने बार-बार स्वीडिश नागरिकों से मानसिक और तार्किक रूप से सशस्त्र संघर्ष की संभावना के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है.
क्रीमिया पर रूस के कब्जे से बदले हालातशीत युद्ध के अंत के बाद, देश ने अपने रक्षा खर्च में भारी कटौती की क्योंकि उसने अपनी सैन्य कोशिशों को अंतरराष्ट्रीय शांति मिशनों पर केंद्रित कर दिया था. लेकिन 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद स्थिति बदल गई. तब से, स्टॉकहोम ने सीमित अनिवार्य सैन्य सेवा को फिर से शुरू किया, रक्षा खर्च को बड़े पैमाने पर बढ़ाया, और बाल्टिक सागर के गोतलैंड द्वीप पर एक सैन्य छावनी को फिर से खोला.
लोगों को तैयार रहने के लिए कहा गयाइसके बाद, बम शेल्टरों को मजबूत किया गया, पीने के पानी की आपूर्ति और परिवहन बुनियादी ढांचे को सुधारा गया, एक नागरिक रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया, और एक मनोवैज्ञानिक रक्षा एजेंसी स्थापित की गई जिसका उद्देश्य गलत जानकारी से लड़ना है. 32 पन्नों के ब्रोशर “यदि संकट या युद्ध आता है”, जिसे 18 नवंबर से बांटना शुरू किया गया, इसमें युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं, और साइबर या आतंकवादी हमलों के लिए कैसे तैयार रहें, इस बारे में जानकारी है.
अगले दो हफ्तों में 5.2 मिलियन घरों में भेजी जाने वाला यह ब्रोशर, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से स्वीडन द्वारा पांच बार जारी की गई पुस्तिका का अपडेट एडिशन है. नए एडिशन में रूस, यूक्रेन या अन्य देशों का नाम नहीं लिया गया है.
‘युद्ध हो सकता है, भोजन-पैसा बचाएं’जनवरी में सिविल डिफेंस मंत्री कार्ल-ऑस्कर बोह्लिन ने चेतावनी दी थी कि “स्वीडन में जंग छिड़ सकती है.” स्वीडन के तत्कालीन सेना प्रमुख मिकेल बायडेन ने भी कुछ दिनों बाद कहा था कि “स्वीडन के लोगों को मानसिक रूप से युद्ध के लिए तैयार रहना होगा.” स्वीडन ने पिछले दो शताब्दियों से युद्ध नहीं किया है. नए पैम्फलेट में कहा गया है, “सैन्य खतरे के स्तर बढ़ रहे हैं. हमें सबसे बुरे हालात के लिए तैयार रहना होगा – स्वीडन पर सशस्त्र हमला.” इसमें सुझाव दिए गए हैं कि लंबे समय तक चलने वाले भोजन और पानी को जमा करें, नकद पैसे अपने पास रखें, और बगीचों में फल और सब्जियां उगाएं.
2018 का पिछला संस्करण 1961 के बाद पहली बार भेजा गया था, जब शीत युद्ध अपने चरम पर था. MSB ने कहा कि अपडेटेड एडिसन में 2018 की तुलना में युद्ध की तैयारी पर अधिक जोर दिया गया है. ब्रॉशर प्रिंट में स्वीडिश और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है, और डिजिटल एडिशन कई अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध हैं – जिनमें अरबी, फारसी, यूक्रेनी, पोलिश, सोमाली और फिनिश शामिल हैं.
फिनलैंड ने रूस के साथ अपनी 8 सीमा चौकियों को किया बंदइस बीच, एक अलग कदम के तहत, फिनलैंड की सरकार ने विभिन्न संकटों के लिए तैयारियों पर जानकारी एकत्र करने वाली एक वेबसाइट लॉन्च की है. फिनलैंड की रूस के साथ 1,340 किलोमीटर (830 मील) की सीमा साझा है, और हेलसिंकी ने हाई लेवल की तैयारी बनाए रखी है. लेकिन मॉस्को के यूक्रेन पर हमले के बाद, हेलसिंकी ने रूस के साथ 200 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ बनाने की योजना की घोषणा की.
यह बाड़ तीन मीटर (10 फीट) ऊंची होगी और इसके ऊपर कांटेदार तार लगे होंगे. इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है. पिछले साल देश ने रूस के साथ अपनी आठ सीमा चौकियों को बंद कर दिया था. हेलसिंकी ने दावा किया था कि यह कदम मॉस्को द्वारा की गई एक हाइब्रिड हमले के कारण उठाया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में प्रवासियों का उनके देश में आना शामिल था.
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FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 17:39 IST