भगवद गीता पढ़ने के बाद, इम्तियाज अली पर क्या हुआ असर? डायरेक्टर बोले- ‘मुझे लोगों को…’
नई दिल्ली: इम्तियाज अली को दर्शक ‘रॉकस्टार’ और ‘जब वी मेट’ जैसी फिल्में बनाने की वजह से प्यार करते हैं. उन्होंने फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ से फिर से वाहवाही बटोरी है. वे अपनी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों को बड़ी संवेदनशीलता से बयां करते रहे हैं. उन्होंने अब भगवद गीता और ऋग्वेद पर अपनी राय जाहिर करके ध्यान खींचा है. उन्होंने एक बातचीत में बताया कि हिंदू धर्म के इन दो पवित्र ग्रंथों को पढ़ने के बाद उन पर क्या असर हुआ था.
इम्तियाज ने काफी छोटी उम्र में भगवद गीता और ऋग्वेद पढ़ ली थी. आज भी उनकी टेबल पर भगवद गीता रखी हुई है. डायरेक्टर ने बताया कि वे एक ऐसी किताब पढ़ रहे थे, जिसकी शुरुआत में ऋग्वेद के सृजन के मंत्र दिए गए थे. वे इससे काफी प्रभावित हुए. उन्होंने रणवीर अलाहाबादिया के पॉडकास्ट में कहा, ‘मैं उसे बिना पढ़े आगे नहीं बढ़ सका. मैंने जाना कि इसका क्या मतलब है. भगवद गीता भी मेरी जिंदगी में जरूरी किताब है.’
इम्तियाज ने जब रेलवे स्टेशन से खरीदी भगवद गीताइम्तियाज आगे कहते हैं, ‘मैं जब 6वीं क्लास में था, तब ट्रेन से अकेले यात्रा कर रहा था और जेब में पैसे भी कम थे. विडंबना देखिए कि मेरे पास रेलवे स्टेशन से भगवद गीता खरीदने के ही पैसे थे. मुझे यह भी लगा कि आसपास मौजूद लोगों को यह अजीब लगेगा और वे मुझे पढ़ते हुए देखकर हैरान होंगे.’ डायरेक्टर ने बताया कि वे जब भगवद गीता पढ़ रहे थे, तब वे यह जानकर हैरान थे कि इसे समझना कितना आासान था.
इम्तियाज अली के लिए भगवद गीता समझना नहीं था मुश्किलइम्तियाज ने आखिर में कहा, ‘कुछ चीजें थीं, जिन्हें समझने के लिए मैंने 10 बार पढ़ा, लेकिन मैं उसे समझ गया था. मैं हर दिन भगवद गीता के कुछ पन्ने पढ़ता था. अब यह मेरे गहरे उतर चुका है. खुशकिस्मत हूं कि मुझे कम उम्र में यह सब पढ़ने को मिला. मुझे इसकी वजह से लोगों को समझने में आसानी हुई. मैंने दूसरी धार्मिक किताबें भी पढ़ी हैं. वे दिलचस्प और मजेदार थीं. अगर मुझे कोई ऐसी चीज मिल जाती है, जो मेरे मिजाज के अनुरूप है, तो मेरा दिन बन जाता है.’ बता दें कि इम्तियाज अली अपनी फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ की वजह से सुर्खियों में हैं, जो नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.
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FIRST PUBLISHED : June 2, 2024, 18:25 IST