National

महाराष्ट्र में हरियाणा और J&K के चुनावी नतीजों का कितना असर होगा? BJP के लिए कैसी होगी राह?

मुंबई. हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की हैट्रिक और जम्मू-कश्मीर में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र में इसका कितना असर हो सकता है? राजनीतिक मामलों के जानकार की मानें, तो दोनों राज्यों के चुनावी नतीजों का प्रभाव निश्चित रूप से देखने को मिलेगा, लेकिन इसका पलड़ा किसकी तरफ झुकेगा, यह बताना मुश्किल है.

शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार का महाराष्ट्र पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जहां अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं. हालांकि, चतुर्वेदी ने जोर देकर कहा कि आगामी चुनाव विपक्ष के साथ-साथ सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए भी आसान नहीं होगा.

चतुर्वेदी ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव के मुद्दे बहुत अलग हैं और भ्रष्टाचार उत्तरी राज्य में प्रमुख चुनावी मुद्दा नहीं था, जहां भाजपा लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि औद्योगिक परियोजनाएं महाराष्ट्र से बाहर जा रही हैं और राज्य बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है.

चतुर्वेदी ने पीटीआई से कहा, “हरियाणा चुनाव (के नतीजों) का महाराष्ट्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.” शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का घटक है. राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि हरियाणा के विपरीत, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति ‘धोखाधड़ी’ के जरिए सत्ता में है.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग इस बात को पसंद नहीं करते हैं कि दो पार्टियों (शिवसेना और राकांपा) को तोड़ा गया, जिसके कारण कई राजनीतिक संगठन बन गए. शिवसेना (यूबीटी) नेता ने दावा किया कि ऐसा लगता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( राकांपा) के प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भाजपा भरोसा नहीं करती है.

इस बीच, राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष और बारामती से लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने हरियाणा चुनाव परिणामों पर आश्चर्य व्यक्त किया, लेकिन कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोगों ने स्पष्ट रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाले गठबंधन को वोट दिया है.

सुले ने पुणे में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि वह हाल में जम्मू-कश्मीर गई थीं और स्थानीय निवासियों से बातचीत के दौरान उन्होंने पाया कि घाटी में शांति मुख्य रूप से सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के कारण है. उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों ने फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस को वोट दिया है, जिसके खिलाफ भाजपा ने कई आरोप लगाए थे.” हरियाणा चुनाव के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए सुले ने आश्चर्य व्यक्त किया, लेकिन कहा कि प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि जीत का अंतर बहुत कम है.

Tags: BJP, Congress, Devendra Fadnavis, Eknath Shinde

FIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 23:32 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj