बिहार चुनाव 2025 में ‘सन ऑफ मल्लाह’ का क्या होगा राजनीतिक भविष्य, क्या बन पाएंगे डिप्टी सीएम?

Last Updated:March 27, 2025, 20:27 IST
Mukesh Sahni News: बिहार चुनाव 2025 में मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी क्या 60 सीटों पर लड़ेगी चुनाव? तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनने पर क्या ‘सन ऑफ मल्लाह’ उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभाएंगे?
क्या मुकेश सहनी का सपना होगा साकार?
हाइलाइट्स
मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी 60 सीटों पर लड़ेगी चुनाव.तेजस्वी यादव के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना.निषाद समाज के लिए आरक्षण सहनी की मुख्य मांग.
पटना. बिहार के आगामी चुनाव में ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश सहनी का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? क्या महागठबंधन वीआईपी पार्टी को 60 सीट देगी? बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है. विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं. निषाद समाज के बड़े नेता और ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर सहनी पिछले कुछ वर्षों में बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं. लेकिन 2025 के चुनाव में उनका भविष्य क्या होगा, यह सवाल राजनीतिक विश्लेषकों और जनता के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है. आइए, उनके अब तक के सफर, वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर नजर डालें.
मुकेश सहनी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2018 में वीआईपी पार्टी की स्थापना के साथ की थी. उनका उद्देश्य निषाद और मल्लाह समुदाय के हितों को आगे बढ़ाना था, जो बिहार में करीब 3 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने एनडीए के साथ गठबंधन किया और चार सीटें जीतीं, हालांकि सहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर से हार गए थे. इसके बाद वे नीतीश कुमार सरकार में मंत्री बने, लेकिन 2022 में भाजपा के दबाव में उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया. इस घटना के बाद सहनी ने महागठबंधन का दामन थामा और 2024 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के साथ मिलकर प्रचार किया, हालांकि उनकी पार्टी को कोई सीट नहीं मिली.
क्या बिहार चुनाव 2025 में करेंगे बड़ा खेला?2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में सहनी ने अभी से कमर कस ली है. हाल ही में उन्होंने घोषणा की कि वीआईपी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और निषाद समाज के लिए आरक्षण उनकी मुख्य मांग होगी. पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में हुई कार्यकारिणी बैठक में उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी 40-50 सीटें जीत सकती है. इसके अलावा सहनी ने महागठबंधन के साथ अपनी निष्ठा दोहराई है और कहा है कि वे तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनने पर उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभा सकते हैं. उनकी ‘निषाद संकल्प यात्रा’ भी इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसके जरिए वे निषाद समाज को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं.
सहनी के सामने कितनी बड़ी चुनौती?हालांकि, सहनी के सामने कई चुनौतियां भी हैं. उनकी पार्टी का वोट बैंक मुख्य रूप से निषाद और अति पिछड़े समुदायों तक सीमित है और पिछले चुनावों में उनकी व्यक्तिगत हार ने उनकी साख पर सवाल उठाए हैं. इसके अलावा महागठबंधन में सीटों का बंटवारा एक बड़ी समस्या हो सकता है, क्योंकि आरजेडी और कांग्रेस जैसे बड़े दल अपनी हिस्सेदारी छोड़ने को तैयार नहीं होंगे.
चुनाव के बाद की संभावनाएंऐसे में मुकेश सहनी का भविष्य कई कारकों पर निर्भर करता है. यदि महागठबंधन एकजुट रहता है और सहनी को पर्याप्त सीटें मिलती हैं तो उनकी पार्टी विधानसभा में निर्णायक भूमिका निभा सकती है. तेजस्वी यादव के साथ उनकी नजदीकी उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. सहनी की सफलता इस बात पर टिकी है कि वे निषाद और मल्लाह वोटों को कितना एकजुट कर पाते हैं. यदि वे इस समुदाय को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे, तो कई सीटों पर वे किंगमेकर बन सकते हैं. एनडीए, खासकर भाजपा और जेडीयू सहनी के वोट बैंक को तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं. भाजपा पहले ही निषाद आरक्षण के मुद्दे पर सहनी को लुभाने की कोशिश कर चुकी है और भविष्य में भी ऐसा ऑफर आ सकता है. ऐसे में सहनी का खुद का चुनावी प्रदर्शन उनकी विश्वसनीयता तय करेगा. यदि वे इस बार अपनी सीट जीत जाते हैं तो उनकी सियासी हैसियत बढ़ेगी.
Location :
Patna,Patna,Bihar
First Published :
March 27, 2025, 20:27 IST
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