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जब सैनिक बना संगीतकार, मरने से पहले दान कर दिए 10 करोड़ रुपये
मुंबई. ‘दिल चीज क्या है, आप मेरी जान लीजिए’, ‘ऐ दिल-ऐ नादां’, ‘दिखाई दिए यूं’, ‘तू ही सागर, तू ही किनारा’ जैसे दर्जनों गानों को अपने जादू में पिरोने वाले संगीतकार ‘मोहम्मद जहुर खय्याम’ (Mohammed Zahut Khayyam) को आज भी याद किया जाता है. खय्याम के गाने 50 साल बाद भी लोगों के कानों में शहद घोलते हैं. कभी फौज में बंदूक से दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले इस सैनिक के दिल में संगीत के स्वर खलबलाए तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री ज्वाइन कर ली. यहां अपने सुरों को लयबद्ध किया और सैकड़ों गीतों को अपनी कला से अमर कर दिया. बॉलीवुड की सुपरस्टार रहीं रेखा आज भी अपने स्टार्डम का पूरा श्रेय खय्याम को देती हैं.