न तेहरान और न लेबनान… इजरायल पर कब और कहां से बरसेगी मिसाइल? सामने आया ईरान का मिशन ‘बदलापुर’ वाला प्लान
नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच अभी युद्ध खत्म नहीं हुआ है. इजरायल के हमले के बाद अब ईरान चुप नहीं बैठेगा. ईरान अब इजरायल पर पलटवार करने को तैयार है. इजरायल पर बम बरसाने की तारीख और जगह भी करीब-करीब फाइनल है. जी हां, अमेरिका चुनाव से पहले इजरायल पर ईरान ड्रोन और मिसाइलों की बरसात कर धुआं-धुआं कर देगा. ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं. वह पलटवार करने की पूरी प्लानिंग कर चुके हैं. केवल अब अंजाम देना है. खुद इजरायल को हमले का डर सताने लगा है.
दरअसल, इजरायली खुफिया विभाग का मानना है कि ईरान आने वाले दिनों में संभवतः 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले इजरायल पर हमला करेगा. इजरायली खुफिया विभाग के मुताबिक, ईरान, इस बार लेबनान या तेहरान से नहीं, बल्कि इराकी क्षेत्र से इजरायल पर हमले की तैयारी कर रहा है. गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. शनिवार को इजरायल ने ईरान पर हमला किया था. उस हमले में दावा किया गया कि ईरान का डिफेंस सिस्टम तबाह हो चुका है. साथ ही ईरान में कई लोग मारे गए.
ईरान करेगा काउंटर अटैकAxios की रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान इजरायल पर हमले को इराक से अंजाम देगा. इस दौरान ईरान बड़ी संख्या में ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल करेगा. इससे पहले ईरान ने लेबनान और तेहरान की धरती से इजरायल पर हमला किया था. अक्टूबर में ही ईरान ने करीब 200 ड्रोन और बैलेस्टिक मिसाइल से इजरायल पर हमला किया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया के जरिए हमले को अंजाम देना, ईरान में अपने रणनीतिक ठिकानों पर इजरायल के किसी और हमले से बचने की ईरान की कोशिश हो सकती है.
इजरायल के हमले में ईरान को कितना नुकसान?दरअसल, इजरायल ने बीते शनिवार को ईरान पर हमला किया था. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि इजराइल के हमले में ईरान के ‘रेवोल्यूशनरी गार्ड’ के महत्वपूर्ण सैन्य अड्डे को क्षति पहुंचने की संभावना जताई गई है, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइल का निर्माण किया जाता है और उसके अतंरिक्ष कार्यक्रम के तहत रॉकेट प्रक्षेपण के लिए भी इस स्थान का उपयोग किया जाता है. शाहरूद में सैन्य अड्डे पर हुए नुकसान ने इजराइल की ओर से शनिवार तड़के ईरान पर किए हमले को लेकर नये सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर इसलिए क्योंकि यह हमला ऐसे क्षेत्र में हुआ, जिसे लेकर तेहरान ने पहले कोई बात नहीं कही है.
ईरान ने हमले का सच छिपाया?ईरान ने केवल इलम, खुजेस्तान और तेहरान प्रांतों में होने वाले इजराइली हमलों की पहचान की है. उसने ग्रामीण सेमनान प्रांत में हमले के बारे में कुछ नहीं कहा है, जहां सैन्य अड्डा स्थित है. इस नुकसान से रेवोल्यूशनरी गार्ड की बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण की क्षमता भी संभावित रूप से प्रभावित होगी, जिनकी उसे इजराइल के खिलाफ जवाबी हमले के लिए आवश्यकता है. ईरान लंबे समय से इस सैन्य अड्डे पर निर्भर रहा है क्योंकि वह पश्चिम के उन उन्नत हथियारों को नहीं खरीद सकता है जिनसे इजराइल और तेहरान के खाड़ी अरब पड़ोसी वर्षों से खुद को लैस कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 05:39 IST