राजस्थान के पाली में इंसानियत की मिसाल, फंसे बंदरों के लिए ग्रामीणों का अनोखा प्रयास

पाली: जिले के बाली उपखंड क्षेत्र में इंसान और प्रकृति के बीच एक अनोखा सेवा भाव देखने को मिला है. यहां ग्रामीण रोजाना सैकड़ों भूखे बंदरों के लिए नाव से 100 किलो खाना लेकर जाते हैं. ये बंदर पानी से घिरी एक पहाड़ी पर फंसे हुए हैं, जहां न तो खाना उपलब्ध है और न ही उनके लिए कोई सुरक्षित निकलने का रास्ता. पानी में फंसे इन बंदरों के लिए ग्रामीणों का यह सहयोग प्रकृति के प्रति उनके गहरे लगाव और सेवा भाव को दर्शाता है.
जवाई बांध क्षेत्र के मोरी ग्राम में स्थित देवगिरी माता के मंदिर के आसपास की पहाड़ी पर ये सैकड़ों बंदर पहले भी भोजन की तलाश में आते-जाते रहे हैं. हालांकि, भारी बारिश के कारण जवाई बांध का पानी इस पहाड़ी के चारों ओर फैल गया, जिससे बंदरों के लौटने का रास्ता बंद हो गया. फंसे हुए बंदरों के बारे में जानकारी मिलते ही, ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से इनके लिए भोजन पहुंचाने का निर्णय लिया. तब से रोजाना ग्रामीण बंदरों के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री नाव के जरिए इस पहाड़ी पर ले जा रहे हैं.
50 दिनों से जारी है ये कार्यग्रामीणों द्वारा किए जा रहे इस सहयोग में बंदरों के लिए उनकी पसंद के खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं, ताकि वे आसानी से इसे खा सकें और अपनी भूख मिटा सकें. यह कार्य पिछले 50 दिनों से जारी है. ग्रामीणों ने बिना किसी सरकारी मदद का इंतजार किए, इस कार्य को अपना धर्म मानते हुए, अपने बलबूते इन फंसे हुए जीवों की मदद करने का जिम्मा उठाया है.
यह दृश्य राजस्थान के पाली जिले में मानवता और सेवा की एक मिसाल पेश करता है, जहां ग्रामीण दिन-रात मिलकर भूखे बंदरों की भूख मिटाने में जुटे हुए हैं. पानी के चारों ओर से घिरे इस टापू पर हर दिन पहुंचाया जा रहा यह खाना एक सामुदायिक प्रयास का हिस्सा है, जो न केवल इन बंदरों को बचा रहा है, बल्कि मनुष्य और प्रकृति के बीच अनमोल संबंध को भी मजबूती से दर्शाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 10:31 IST